सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून से जुड़े मामले में एक अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने वक्फ कानून की धारा 3 और धारा 4 पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट किया कि उसके पास पूरे कानून पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है और यह फैसला कानून की संवैधानिकता पर आधारित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए और बोर्ड के 11 सदस्यों में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते। इसके अलावा, अदालत ने वक्फ से जुड़े राजस्व संबंधी कानून पर भी रोक लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की धारा 3 और धारा 4 पर रोक लगाई है। अदालत ने कहा कि पूरे अधिनियम पर रोक लगाने का मामला नहीं बनता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए, और वक्फ बोर्ड में कुल 11 सदस्यों में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते। इसके साथ ही अदालत ने कुछ राजस्व संबंधित प्रावधानों पर भी रोक लगाई है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा कि किसी कानून की संवैधानिकता का अनुमान हमेशा उसके पक्ष में किया जाता है। केवल अत्यंत दुर्लभ परिस्थितियों में ही किसी प्रावधान पर रोक लगती है। अदालत ने 1923 से अब तक के विधायी इतिहास का अध्ययन किया और प्रत्येक धारा पर प्राथमिक स्तर पर चुनौती का विश्लेषण किया।
कौन-से प्रावधान स्थगित हुए
- धारा 3(r)
- इस धारा के तहत किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए कम से कम 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना अनिवार्य था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह शर्त तब तक स्थगित रहेगी, जब तक राज्य सरकारें यह निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बना देती कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं।
- धारा 2(c)
- इस प्रावधान के अनुसार, जब तक नामित अधिकारी की रिपोर्ट दाखिल नहीं होती, संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
- कोर्ट ने इस प्रावधान को भी स्थगित किया।
- धारा 3C
- इस धारा के तहत कलेक्टर को संपत्ति अधिकार तय करने का अधिकार दिया गया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Powers) का उल्लंघन हो सकता है।
- अंतिम निर्णय तक संपत्ति अधिकार प्रभावित नहीं होंगे और वक्फ को कब्ज़े से वंचित नहीं किया जाएगा।
गैर-मुस्लिम सदस्यों की सीमा
- वक्फ बोर्ड में तीन से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे।
- कुल सदस्य संख्या 11 के भीतर इस सीमा का पालन किया जाएगा।
- धारा 23 (पदेन अधिकारी)
- वक्फ बोर्ड में पदेन (Ex-officio) अधिकारी मुस्लिम समुदाय से होना अनिवार्य है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि पूरा कानून स्थगित नहीं किया गया है। केवल उन धाराओं को रोका गया है जिनमें विवादित प्रावधान हैं या जिनका क्रियान्वयन अभी विवादित है। अदालत ने यह भी कहा कि वक्फ बोर्ड का संचालन मुस्लिम समुदाय की प्राथमिकता के अनुसार होना चाहिए और गैर-मुस्लिम सदस्य संख्या की सीमा तय की जाएगी।