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TCS Layoff: 3 महीने में 19,755 कर्मचारियों की संख्या में गिरावट, NITES ने लगाया बड़े पैमाने पर छंटनी बड़ा आरोप

TCS Layoff: 3 महीने में 19,755 कर्मचारियों की संख्या में गिरावट, NITES ने लगाया बड़े पैमाने पर छंटनी बड़ा आरोप

TCS में जून से सितंबर 2025 के बीच 19,755 कर्मचारियों की संख्या घट गई, जो पहले घोषित योजना से 66% ज्यादा है। IT कर्मचारियों के संगठन NITES ने आरोप लगाया कि कंपनी बड़े पैमाने पर छंटनी को कम दिखा रही है। TCS का कहना है कि प्रभावित कर्मचारियों को सेवरेंस और नई नौकरी में मदद दी जा रही है।

Layoff: भारत की आईटी दिग्गज TCS में जून से सितंबर 2025 के बीच 19,755 कर्मचारियों की कमी दर्ज की गई, जिससे कुल हेडकाउंट 5,93,314 रह गया। यह आंकड़ा कंपनी द्वारा पहले घोषित 12,000 कर्मचारियों की छंटनी योजना से 66% अधिक है। कर्मचारियों के संगठन NITES ने आरोप लगाया कि TCS अपनी छंटनी को कम दिखा रही है और ज्यादातर कर्मचारियों को मैनेजमेंट द्वारा बाहर किया गया है। TCS ने बताया कि प्रभावित कर्मचारियों को सेवरेंस पैकेज, काउंसलिंग और नई नौकरी खोजने में मदद दी जा रही है।

छंटनी की वास्तविक स्थिति

TCS के नए CHRO सुधीप कुनुमल ने कहा कि इस कमी में कुछ कर्मचारियों ने खुद इस्तीफा दिया, जबकि करीब 6,000 कर्मचारियों को मजबूरी में निकाला गया। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और भविष्य में कुछ और कर्मचारियों की छुट्टी हो सकती है।

जुलाई 2025 में TCS ने यह घोषणा की थी कि वह वर्ष में कुल 2 फीसदी कर्मचारियों, यानी करीब 12,000 लोगों को रिलीज करने की योजना बना रही है। ज्यादातर प्रभावित कर्मचारी मिड और सीनियर लेवल के हैं।

NITES का बड़ा आरोप

आईटी कर्मचारियों के संगठन NITES ने कहा कि TCS ने अपनी छंटनी की संख्या को कम दिखाने की कोशिश की है। NITES के अनुसार, कंपनी की वेबसाइट पर जो आंकड़े दिए गए हैं, उनके मुताबिक करीब 8,000 कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी नौकरी छूटने की जानकारी पहले सार्वजनिक नहीं की गई थी। संगठन का दावा है कि यह जानबूझकर लोगों और नियामक संस्थाओं को गुमराह करने का प्रयास है।

NITES ने यह भी कहा कि इन छंटनी मामलों में ज्यादातर कर्मचारी मैनेजमेंट द्वारा बाहर किए गए हैं। संगठन का मानना है कि TCS का बिजनेस लगातार बढ़ रहा है, इसलिए यह कदम केवल मुनाफे को प्राथमिकता देने और कर्मचारियों की परेशानियों की अनदेखी करने जैसा है।

TCS का पक्ष

CHRO सुधीप कुनुमल ने कहा कि प्रभावित कर्मचारियों को अच्छा सेवरेंस पैकेज, काउंसलिंग और नई नौकरी खोजने में मदद दी जा रही है। उनका कहना है कि यह कदम TCS को भविष्य के लिए तैयार करने और बिजनेस रणनीति के हिस्से के रूप में लिया गया है।

कंपनी का कहना है कि यह संरचनात्मक बदलाव है और कर्मचारियों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं के साथ पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

TCS की छंटनी से बाजार और कर्मचारी प्रभावित

वहीं NITES का कहना है कि यह केवल संरचना बदलने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि लंबे समय तक कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। संगठन का दावा है कि कर्मचारियों को अचानक नौकरी से बाहर किया गया है और इससे उनके जीवन पर गंभीर असर पड़ा है।

विश्लेषकों का कहना है कि TCS जैसी बड़ी कंपनी में इतनी बड़ी संख्या में छंटनी का असर सिर्फ कर्मचारियों पर नहीं, बल्कि कंपनी की साख और बाजार में विश्वास पर भी पड़ सकता है।

उद्योग पर प्रभाव

इस अपडेट ने पूरे आईटी सेक्टर में हलचल पैदा कर दी है। निवेशक और कर्मचारियों के संगठन TCS के अगले कदमों पर नजर बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस छंटनी की वजह से प्रतिभाशाली कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की संभावना बढ़ सकती है।

साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि TCS भविष्य में अपनी बिजनेस रणनीति के तहत कर्मचारियों की संख्या को किस प्रकार संतुलित रखता है।

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