हैंडबैग केवल एक फैशन एक्सेसरी नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की जीवनशैली, उनके व्यक्तित्व और उनकी ज़रूरतों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह किसी के लिए भी आश्चर्यजनक नहीं होना चाहिए कि एक दिन खासतौर पर हैंडबैग को समर्पित किया गया है। 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में राष्ट्रीय हैंडबैग दिवस मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने प्रिय हैंडबैग को सम्मानित करते हैं, नई खरीदारी करते हैं और फैशन तथा डिजाइन की दुनिया का जश्न मनाते हैं।
हैंडबैग का महत्व और लोकप्रियता
महिलाएं अक्सर कहती हैं कि उनका हैंडबैग उनके जीवन का विस्तार है। इसमें मोबाइल, पर्स, चाबियाँ, मेकअप आइटम, नोटबुक और कई बार अकल्पनीय चीज़ें भी होती हैं। इस दिन का उद्देश्य सिर्फ हैंडबैग की उपयोगिता को नहीं, बल्कि उसकी शैली और फैशन के महत्व को भी समझाना है।
राष्ट्रीय हैंडबैग दिवस पर महिलाएं सोशल मीडिया, ब्लॉग और वास्तविक जीवन में अपने बैग के संग्रह और उनके पीछे की कहानियों को साझा करती हैं। यह दिन नए हैंडबैग खरीदने के लिए एक सही बहाना भी बन जाता है।
पुरुषों और हैंडबैग
हालांकि हैंडबैग आज मुख्य रूप से महिलाओं के बीच लोकप्रिय हैं, इसका इतिहास पुरुषों से भी जुड़ा है। दुनिया का सबसे पुराना पर्स लगभग 5000 साल पुराना है और इसे एक पुरुष, ओत्ज़ी द आइसमैन, ने उपयोग किया था। पुराने समय में पुरुष सिक्के और अन्य जरूरी सामान रखने के लिए पर्स का इस्तेमाल करते थे।
1970 के दशक में यूरोप में पुरुषों के लिए फैशन बैग को फिर से लोकप्रिय बनाया गया। आज पुरुषों के लिए मैसेंजर बैग, बैकपैक और छोटे लेदर बैग बहुत प्रसिद्ध हैं। अमेरिका में पुरुषों के लिए बैग आमतौर पर अधिक युनिसेक्स या मस्कुलिन लुक वाले होते हैं। वैश्विक स्तर पर पुरुषों के छोटे लेदर उत्पाद और बैग का व्यापार सालाना लगभग 4 बिलियन डॉलर का है।
हैंडबैग का ऐतिहासिक सफर
हैंडबैग का इतिहास कई शताब्दियों पुराना है। प्रारंभ में यूरोप में पर्स केवल सिक्के रखने के लिए बनाए जाते थे। 17वीं शताब्दी में लड़कियों को कपड़ों पर कढ़ाई करना सिखाया जाता था, जिससे वे सुंदर हैंडबैग बना सकती थीं।
18वीं शताब्दी में यूरोप में महिलाओं ने पतले और हल्के बैग पसंद करना शुरू किया, जिसे रेटिक्यूल्स कहा जाता था। ये बैग हाथ में पकड़ने के लिए स्ट्रैप वाले और मखमल या रेशम जैसी सुंदर सामग्रियों से बने होते थे। रेटिक्यूल्स पहले फ्रांस में लोकप्रिय हुए और फिर ब्रिटेन में फैशन बन गए।
औद्योगिक क्रांति के दौरान हैंडबैग की लोकप्रियता और बढ़ गई। रेल यात्रा और लंबे सफर के दौरान महिलाओं को अलग-अलग आकार और जरूरत के अनुसार बैग की आवश्यकता थी। सैमुअल पार्किन्सन, जो कि डॉनकास्टर के एक उद्योगपति थे, ने अपनी पत्नी के लिए विभिन्न आकार के लक्ज़री बैग बनवाए। उन्होंने सुनिश्चित किया कि ये बैग उसी उच्च गुणवत्ता वाले लेदर से बने हों, जैसा उनके ट्रंक और केस में इस्तेमाल हुआ करता था। इस तरह आज के लक्ज़री हैंडबैग का जन्म हुआ।
हालांकि, शुरुआती समय में H.J. Cave द्वारा बनाए गए बैग की आलोचना भी हुई। कुछ लोगों का मानना था कि भारी बैग महिलाओं की पीठ को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 1865 के बाद इस ब्रांड ने बैग का प्रचार रोक दिया, और 2010 में उत्पादन फिर से शुरू हुआ।
राष्ट्रीय हैंडबैग दिवस मनाने के तरीके
राष्ट्रीय हैंडबैग दिवस को मनाने का सबसे मज़ेदार और सरल तरीका है खुद को एक नया हैंडबैग खरीदना। आज मार्केट में टोट्स, सैचेल्स, क्लच और बैकपैक जैसे कई स्टाइल उपलब्ध हैं। अपनी व्यक्तिगत शैली, रंग की पसंद और जरूरत के अनुसार आप सही बैग चुन सकते हैं।
पुराने बैग को चैरिटी को दान करना या ऑनलाइन बेचना भी एक अच्छा विकल्प है। यह न केवल नए बैग के लिए जगह बनाता है बल्कि जरूरतमंदों की मदद भी करता है।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अपने बैग की कहानियाँ साझा करना इस दिन को और मज़ेदार बनाता है। आप अपने फॉलोअर्स को दिखा सकते हैं कि आपका कौन सा बैग सबसे खास है और क्यों। यह एक बेहतरीन तरीका है अपने दोस्तों और परिवार के साथ जुड़ने का और फैशन प्रेमियों को प्रेरित करने का।
हैंडबैग: सिर्फ फैशन नहीं, जीवन की कहानी
हर बैग की अपनी एक कहानी होती है। यह आपकी यात्रा, यादों और शैली का हिस्सा बन जाता है। राष्ट्रीय हैंडबैग दिवस हमें यह याद दिलाता है कि फैशन और उपयोगिता एक साथ भी हो सकती है। यह दिन हमें अपने हैंडबैग को सम्मान देने और फैशन के नए ट्रेंड्स के साथ जुड़े रहने का अवसर प्रदान करता है।
राष्ट्रीय हैंडबैग दिवस केवल फैशन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की जीवनशैली, व्यक्तित्व और उनकी जरूरतों का प्रतीक भी है। हर बैग की अपनी कहानी होती है, जो यात्राओं, यादों और शैली को संजोए रखती है। यह दिन हमें हैंडबैग की उपयोगिता और फैशन दोनों को सम्मान देने का अवसर देता है।