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तेजस्वी यादव का बड़ा हमला: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बोले- 1% वोट काटे तो क्या होगा?

तेजस्वी यादव का बड़ा हमला: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बोले- 1% वोट काटे तो क्या होगा?

बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर अब तेजस्वी यादव ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। तेजस्वी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं।

Bihar Voter List Revision News: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट के रिवीजन (Voter List Revision) को लेकर सियासत गरमा गई है। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर इस मुद्दे पर बीजेपी और चुनाव आयोग को घेरा है। तेजस्वी यादव का आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश रची जा रही है, ताकि चुनावी नतीजों को प्रभावित किया जा सके।

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट के जरिए दावा किया है कि बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए लिखा- कल्पना कीजिए अगर सिर्फ 1% मतदाताओं का नाम भी लिस्ट से काटा गया तो करीब 7 लाख 90 हजार वोटरों के नाम लिस्ट से बाहर हो जाएंगे। जबकि इनका इरादा 4-5% तक वोट काटने का है।

तेजस्वी यादव ने बताया वोट कटने का पूरा समीकरण

तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में कहा कि अगर 1% यानी 7.90 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं, तो इसे बिहार की 243 विधानसभा सीटों में बांट दिया जाए तो हर विधानसभा में करीब 3,251 वोट कम हो सकते हैं। तेजस्वी यादव ने आगे लिखा, बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ हैं। हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ होते हैं। यदि हर बूथ से केवल 10 वोट भी काटे जाएं तो प्रति विधानसभा 3,200 वोट हटाए जा सकते हैं। यह गणित साफ बताता है कि चुनिंदा बूथ और वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है।

तेजस्वी यादव ने अपने दावों को मजबूत करने के लिए 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि: 2015 के चुनाव में 3,000 वोटों से कम अंतर से हार-जीत वाली 15 सीटें थीं। 2020 में ऐसे सीटों की संख्या बढ़कर 35 हो गई। अगर 5,000 वोटों तक के अंतर की बात करें तो 2015 में 32 और 2020 में 52 सीटें ऐसी थीं।

तेजस्वी यादव का दावा है कि बीजेपी का निशाना इन्हीं क्लोज मार्जिन सीटों पर है, जहां बूथ स्तर पर वोटर लिस्ट से नाम हटाकर नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है।

तेजस्वी यादव का बीजेपी और चुनाव आयोग पर हमला

तेजस्वी यादव ने कहा, बीजेपी और चुनाव आयोग का फोकस खासतौर पर उन्हीं सीटों और उन वर्गों पर है जहां बीजेपी को हार का डर है। इनकी साजिश है कि बूथवार, वर्ग विशेष के नाम काटे जाएं और इस तरह सीटों का समीकरण बदला जाए। लेकिन हम सतर्क हैं और आरजेडी के कार्यकर्ता हर गांव-हर घर जाकर इनकी चालाकी का भंडाफोड़ कर रहे हैं।

तेजस्वी ने साफ शब्दों में कहा कि, हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे। जनता के हक की लड़ाई आरजेडी मजबूती से लड़ेगी। तेजस्वी यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में चुनाव से पहले विशेष पुनरीक्षण अभियान (Special Revision) चलाया जा रहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया नियमित है ताकि मृत, डुप्लीकेट या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा सकें।

लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसके जरिए चुनिंदा वर्गों और समुदायों को टारगेट किया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा, बीजेपी जानती है कि बिहार की जनता ने उन्हें नकार दिया है, इसलिए अब वे लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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