वेलक्योर ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स ने 22 अगस्त को 1:10 स्टॉक स्प्लिट और 1:1 बोनस शेयर देने के फैसले पर विचार करने का ऐलान किया है। कंपनी के शेयरों में तेजी आई है, जो बेहतर तिमाही नतीजों और मजबूत अंतरराष्ट्रीय कारोबार से प्रेरित है।
नई दिल्ली: भारत की फार्मा कंपनी वेलक्योर ड्रग्स ने 22 अगस्त 2025 को अपने बोर्ड के सामने 1:10 स्टॉक स्प्लिट और 1:1 बोनस शेयर के प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया है। इस कदम से कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ेगी और कीमतें सुलभ होंगी। कंपनी ने हाल ही में शानदार तिमाही प्रदर्शन दर्ज किया है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और शेयरों में तेजी आई है। यह निर्णय कंपनी की वृद्धि और निवेशकों को फायदा पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा है।
स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर क्या होते हैं?
स्टॉक स्प्लिट एक ऐसा तरीका है जिसमें कंपनी अपने मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में बांट देती है। उदाहरण के लिए, अगर कंपनी 1:10 स्टॉक स्प्लिट करती है, तो हर एक शेयरधारक के पास अब 10 नए शेयर होंगे, लेकिन प्रत्येक शेयर की कीमत लगभग दसवीं हिस्से की हो जाएगी। इससे शेयर की कीमत कम हो जाती है और ज्यादा निवेशक उस शेयर को आसानी से खरीद पाते हैं। स्टॉक स्प्लिट से शेयर की लिक्विडिटी यानी बाजार में उपलब्धता बढ़ती है, जिससे ट्रेडिंग बेहतर होती है।
बोनस शेयर का मतलब होता है कि कंपनी अपने शेयरधारकों को उनके मौजूदा शेयरों के अनुपात में मुफ्त में नए शेयर देती है। जैसे कि 1:1 बोनस शेयर का मतलब है कि अगर आपके पास 100 शेयर हैं, तो कंपनी आपको 100 और शेयर मुफ्त में देगी। इससे शेयरधारकों की हिस्सेदारी बढ़ती है बिना उन्हें अतिरिक्त पैसा खर्च किए। बोनस शेयर से निवेशकों को विश्वास मिलता है कि कंपनी का प्रदर्शन अच्छा है और वह भविष्य में भी बढ़ेगी।
तिमाही नतीजों ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदें
वेलक्योर ड्रग्स ने अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में ₹23.29 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो कि पिछले तिमाही के ₹2.5 करोड़ के मुकाबले कई गुना अधिक है। यह शानदार प्रदर्शन कंपनी की वित्तीय स्थिति को मजबूती देता है। साथ ही, इस तिमाही में कंपनी की ऑपरेशंस से आय ₹299.91 करोड़ रही, जो मार्च तिमाही के ₹21.21 करोड़ से काफी ज्यादा है।
यह बेहतर परिणाम कंपनी के ‘एसेट-लाइट’ और ‘फीस-बेस्ड’ मॉडल का स्पष्ट संकेत है, जो कम निवेश में बेहतर रिटर्न देता है।
अंतरराष्ट्रीय विस्तार और नई उपलब्धियां
वेलक्योर ने हाल ही में सात नए एक्सपोर्ट- सोर्सिंग प्रोजेक्ट हासिल किए हैं, जिनकी कुल कीमत ₹299.91 करोड़ है। ये प्रोजेक्ट कंपनी की वैश्विक पहुंच को बढ़ाते हैं और नए बाजारों में उसकी पहचान बनाते हैं। इसके अलावा, थाईलैंड की Fortune Sagar Impex के साथ ₹517 करोड़ का ग्लोबल सोर्सिंग कॉन्ट्रैक्ट भी कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि है।
यह अंतरराष्ट्रीय विस्तार कंपनी की विकास रणनीति का अहम हिस्सा है। विदेशी बाजारों में सक्रिय होने से कंपनी को नई आय स्रोत मिलेंगे और वह विविधता के साथ जोखिम भी कम कर पाएगी। इससे भविष्य में स्थिर और निरंतर विकास की उम्मीद बढ़ेगी।
कंपनी की वर्तमान स्थिति
वेलक्योर ड्रग्स की स्थापना 1992 में हुई थी, और यह कंपनी दवाओं के निर्माण और बिक्री में सक्रिय है। कंपनी टैबलेट, कैप्सूल और ड्राई सिरप बनाती है और हाल के वर्षों में विदेशों से दवाएं मंगाने और बेचने का काम भी शुरू किया है।
फिलहाल कंपनी ESM (Enhanced Surveillance Measure) – Stage 1 में है, जिसका मतलब है कि कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज की निगरानी में रखा गया है। यह स्थिति आमतौर पर उन कंपनियों के लिए होती है जो वित्तीय या प्रशासनिक कारणों से अतिरिक्त देखरेख में होती हैं।