तमिलनाडु सरकार ने राज्य को शिपबिल्डिंग हब बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। इसके तहत 30,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई है, जिसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ MoU पर हस्ताक्षर करके औपचारिक रूप दिया गया।
चेन्नई: तमिलनाडु तेजी से शिपबिल्डिंग हब के रूप में उभरने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने दो मेगा शिपबिल्डिंग प्रोजेक्ट में कुल 30,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की है और इसके लिए MoU पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इस निवेश से राज्य में लगभग 55,000 नई नौकरियों के सृजन का अनुमान लगाया जा रहा है।
प्रोजेक्ट के पहले चरण में, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड 15,000 करोड़ रुपये की लागत से वर्ल्ड क्लास कमर्शियल शिपयार्ड स्थापित करेगी, जिससे लगभग 10,000 नई नौकरियां पैदा होंगी।
दो मेगा प्रोजेक्ट से मिलेगी रोजगार की गारंटी
इस निवेश योजना के पहले चरण में, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड 15,000 करोड़ रुपये की लागत से वर्ल्ड क्लास कमर्शियल शिपयार्ड स्थापित करेगी। इस चरण में लगभग 10,000 नई नौकरियां सृजित होंगी। दूसरे चरण में, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड भी 15,000 करोड़ रुपये की लागत से वैश्विक स्तर का शिपयार्ड तैयार करेगी। इससे राज्य में करीब 45,000 नौकरियों का सृजन होगा।
तमिलनाडु सरकार जल्द ही समुद्री परिवहन विनिर्माण नीति 2025 (Tamil Nadu Maritime Transport Manufacturing Policy 2025) लाने की योजना बना रही है। इस नीति के तहत राज्य में शिपबिल्डिंग उद्योग को बढ़ावा देना और समुद्री बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना शामिल है। उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने कहा, हम बहुत खुश हैं कि तमिलनाडु सरकार और केंद्र सरकार मिलकर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को राज्य में ला रही हैं। इससे राज्य में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, अन्य शिपयार्ड के साथ भी साझेदारी के अवसर खुलेंगे।
आर्थिक और बुनियादी ढांचे पर असर
विशेषज्ञों के अनुसार, इस निवेश से तमिलनाडु की आर्थिक वृद्धि में बड़ी तेजी आएगी। शिपबिल्डिंग हब बनने से राज्य में समुद्री उद्योग और लॉजिस्टिक्स का विकास होगा। इसके साथ ही भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे (Maritime Infrastructure) को भी मजबूती मिलेगी, जो देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नौसैनिक क्षमता के लिए फायदेमंद साबित होगा।
इस प्रोजेक्ट के लागू होने से लगभग 55,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इनमें इंजीनियरिंग, तकनीकी कामगार, लॉजिस्टिक्स, डिजाइन और निर्माण से जुड़े विभिन्न पद शामिल होंगे। यह पहल युवाओं और पेशेवरों के लिए नई रोजगार संभावनाओं के द्वार खोलेगी।