दुनिया में कुछ मिसाइल सिस्टम अपनी तकनीक और लंबी रेंज के कारण बेहद खतरनाक माने जाते हैं। रूस का RS-28 Sarmat और Avangard, चीन का DF-41 और अमेरिका/ब्रिटेन की Trident II (D5) वैश्विक रणनीति और सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। ये मिसाइलें पारंपरिक रक्षा प्रणालियों को चुनौती दे सकती हैं और उच्च पेलोड क्षमता रखती हैं।
Global Missile Threats: युद्ध की रणनीति में मिसाइलों की ताकत निर्णायक भूमिका निभाती है। रूस, चीन और अमेरिका/ब्रिटेन के कुछ मिसाइल सिस्टम इतने खतरनाक हैं कि ये लंबी दूरी तक निशाना साध सकते हैं और पारंपरिक रक्षा प्रणालियों को मात दे सकते हैं। रूस का RS-28 Sarmat और Avangard, चीन का DF-41 और ट्राइडेंट II (D5) ऐसे हथियार हैं, जिनमें उच्च पेलोड क्षमता और हाइपरसोनिक तकनीक शामिल है। इन मिसाइलों का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक रणनीति में प्रभुत्व बनाए रखना है, और विशेषज्ञ इनके विकास पर लगातार नजर रखते हैं।
रूस की RS-28 Sarmat और Avangard
रूस की RS-28 Sarmat, जिसे मीडिया में "Satan II" भी कहा जाता है, एक सुपर-हेवी ICBM है। यह भारी पेलोड और लंबी रेंज के साथ किसी भी कोने को निशाना बना सकती है। इसके साथ ही कई वारहेड (MIRV) या हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन ले जाने की क्षमता इसे बेहद खतरनाक बनाती है। रूस का Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन है, जो अपनी तेज गति और दिशा बदलने की क्षमता से मिसाइल रक्षा सिस्टम को मात दे सकता है।
चीन की DF-41
चीन का DF-41 एक ठोस-ईंधन पर चलने वाली ICBM है, जिसे रोड और रेल पर तैनात किया जा सकता है। इसकी मोबाइल प्रकृति और MIRV क्षमता इसे कठिन-टार्गेट बनाती है। DF-41 लंबी दूरी तक निशाना साध सकती है और कई अलग लक्ष्यों पर वारहेड भेज सकती है, जिससे इसे रणनीतिक रूप से प्रभावी माना जाता है।
अमेरिका और ब्रिटेन की Trident II (D5)
Trident II D5 एक सबमरीन-लॉन्चेड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है और समुद्र-आधारित न्यूक्लियर त्रि-स्थापना का अहम हिस्सा है। इसकी सटीकता, विश्वसनीयता और समुद्री बेसिंग इसे रणनीतिक रूप से घातक बनाती है। यह मिसाइल रक्षा प्रणालियों को चुनौती देने और बचाव योग्य रणनीति का महत्वपूर्ण घटक है।
क्यों हैं ये मिसाइलें खतरनाक?
इन मिसाइलों की ताकत केवल उनकी रेंज से नहीं आती। यह उनकी सटीकता, पेलोड क्षमता, लॉन्च की गति, एंट्री-फेज में कम ट्रैकिंग विंडो और हाइपरसोनिक या गाइडेड तकनीक के कारण है। यही कारण है कि बड़े देशों और उनके रक्षा विशेषज्ञ इनके विकास और तैनाती पर लगातार नजर रखते हैं। RS-28 Sarmat, Avangard और DF-41 जैसी मिसाइलें वैश्विक रणनीति और सुरक्षा दोनों के लिहाज से विशेष महत्व रखती हैं।