गुजरात स्थित टोरेंट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड एक बार फिर प्राइवेट इक्विटी फर्म KKR के साथ JB केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स (JB फार्मा) में 47.84% हिस्सेदारी खरीदने को लेकर बातचीत कर रही है।
टोरेंट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड एक बार फिर फार्मा सेक्टर में बड़ा अधिग्रहण करने की तैयारी में है। इस बार कंपनी का फोकस है मुंबई स्थित JB केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स पर। खबर है कि टोरेंट फार्मा, प्राइवेट इक्विटी फर्म KKR के पास मौजूद JB फार्मा की 47.84 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए गंभीर बातचीत कर रही है। अगर यह डील होती है, तो यह भारत के फार्मास्युटिकल सेक्टर में एक और बड़ी रणनीतिक हलचल साबित हो सकती है।
पिछले साल की अधूरी डील अब फिर पटरी पर
पिछले साल भी टोरेंट फार्मा और KKR के बीच JB फार्मा को लेकर बातचीत हुई थी, लेकिन वैल्यूएशन को लेकर सहमति नहीं बन पाई और डील रद्द हो गई। लेकिन अब एक बार फिर दोनों पक्षों के बीच चर्चा तेज हो गई है और डील फाइनल होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही इस पर सार्वजनिक एलान हो सकता है।
हिस्सेदारी की मौजूदा वैल्यू
JB फार्मा के 27 जून 2025 को स्टॉक एक्सचेंज पर बंद भाव ₹1,802.9 प्रति शेयर था। उस हिसाब से KKR के पास जो 47.84 फीसदी हिस्सेदारी है, उसकी मौजूदा वैल्यू लगभग 13,400 करोड़ रुपये बैठती है। KKR ने जुलाई 2020 में JB फार्मा में 54 फीसदी हिस्सेदारी करीब 3,100 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जब प्रति शेयर कीमत ₹745 थी। बाद में मार्च 2025 में KKR ने ब्लॉक डील के जरिए कुछ हिस्सेदारी बेच दी और उसका होल्ड घटकर 47.84 फीसदी रह गया।
डील होते ही ओपन ऑफर लाना होगा अनिवार्य
अगर यह डील फाइनल होती है तो भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी के नियमों के तहत टोरेंट फार्मा को सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर लाना होगा। इस तरह की डील से कंपनी को केवल एक रणनीतिक होल्डिंग ही नहीं मिलती, बल्कि सार्वजनिक हिस्सेदारी के ज़रिए बड़ी हिस्सेदारी पर अधिकार का रास्ता भी खुलता है।
कंपनियों की चुप्पी
इस पूरे घटनाक्रम पर न तो KKR की तरफ से कोई सार्वजनिक बयान आया है, न ही टोरेंट फार्मा या JB फार्मा ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया है। हालांकि बाजार में चल रही हलचल और रिपोर्ट्स से यह साफ हो गया है कि बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है।
टोरेंट का इतिहास
टोरेंट फार्मा पहले भी कई अधिग्रहण कर चुकी है, जिससे यह साफ होता है कि कंपनी की ग्रोथ स्ट्रैटेजी में इनऑर्गेनिक विस्तार को खास अहमियत दी गई है।
- 2013 में कंपनी ने एल्डर फार्मा के भारतीय ब्रांडेड बिजनेस को खरीदा था
- 2015 में Zyg Pharma का डर्मास्यूटिकल बिजनेस अपने अधीन लिया
- 2016 में ग्लोकैम इंडस्ट्रीज का एपीआई प्लांट टोरेंट ने हासिल किया
- 2017 में Novartis से महिलाओं के हेल्थ ब्रांड्स और युनिकेम का भारतीय बिजनेस एवं सिक्किम प्लांट भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया
- 2022 में Curatio Healthcare का अधिग्रहण करीब ₹2,000 करोड़ में हुआ, जो अब तक का सबसे बड़ा सौदा था
इस ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि टोरेंट फार्मा अब JB फार्मा के ज़रिए अपनी बाजार हिस्सेदारी और ब्रांड पोर्टफोलियो को और मज़बूत करना चाहती है।
JB फार्मा की बाजार स्थिति
JB फार्मा भारत की जानी-मानी फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक है, जिसकी मौजूदगी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में है। कंपनी का फोकस कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एंटी-इनफ्लेमेटरी और अन्य सेगमेंट्स पर रहा है। KKR के अधीन आने के बाद कंपनी का स्ट्रक्चर और फाइनेंशियल्स में सुधार देखने को मिला था।
टोरेंट को मिलेगा व्यापक पोर्टफोलियो
अगर यह डील होती है, तो टोरेंट फार्मा को JB फार्मा के ब्रांडेड जेनरिक और इंटरनेशनल नेटवर्क का सीधा लाभ मिलेगा। इससे टोरेंट की उपस्थिति उन मार्केट्स में भी बढ़ेगी जहां उसकी अब तक पहुंच सीमित थी। खासतौर पर जेबी फार्मा की इंटरनेशनल सप्लाई चेन और डॉक्टर्स नेटवर्क टोरेंट के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं।