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ट्रंप ने गाजा में हमास को दिया कड़ा अल्टीमेटम, कहा– 'खून-खराबा नहीं रुका तो खत्म करेंगे'

ट्रंप ने गाजा में हमास को दिया कड़ा अल्टीमेटम, कहा– 'खून-खराबा नहीं रुका तो खत्म करेंगे'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में हिंसा पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर सिविलियन हत्याएँ और खून-खराबा बंद नहीं हुआ तो हमास को खत्म करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। अमेरिका सीधे सैनिक नहीं भेजेगा, लेकिन निगरानी और वैकल्पिक कदम उठाए जा सकते हैं।

World Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में हालिया हिंसा पर कड़ा बयान दिया है। ट्रंप के मुताबिक अगर गाजा में सिविलियन हत्याएं और खून-खराबा बंद नहीं हुआ तो कट्टर हमास को “ख़त्म” करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कहा कि अमेरिका अपने सैनिक गाजा नहीं भेजेगा। यह बयान उस समय आया है जब क्षेत्र में हाल के युद्धविराम के बाद भी भड़की हिंसा को लेकर वैश्विक चिंता बढ़ी है।

ट्रंप की चेतावनी का स्वरूप

ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि गाजा में जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें हथियारबंद समूहों द्वारा प्रतिद्वंद्वी नेताओं व नागरिकों की हत्याएँ दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह खून-खराबा जारी रहा तो “हमें मजबूरन अंदर जाकर उन्हें खत्म करना होगा”। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका खुद जमीनी अभियान नहीं चलाएगा, पर उनकी निगरानी में ऐसे लोग या समूह यह काम कर सकते हैं। उन्होंने यह नहीं खोला कि इस धमकी को कैसे लागू किया जाएगा।

हालिया बयान ट्रंप के पहले के नरम रुख से अलग है, जब उन्होंने क्षेत्र में कुछ घटनाओं को मामूली कहकर टालने की कोशिश की थी। अब उनका रुख सख्त दिखाई दे रहा है, जिससे अमेरिकी नीति की दिशा पर सवाल उठ रहे हैं। 

इज़राइल-हमास समझौते के बाद जारी तनाव

यह चेतावनी उस हिंसा के बीच आई है जो इज़राइल और हमास के बीच हाल के युद्धविराम व बंधक समझौते के बावजूद जारी है। समझौते के बाद गाजा के अंदर अलग-अलग सशस्त्र गिरोह आपसी टकराव में उलझे हुए हैं। ट्रंप ने कहा कि कुछ गिरोहों को पहले से ही निशाना बनाया गया है, पर यदि हत्याएँ और गुनाह नहीं रुके तो कार्रवाई की सीमा बढ़ानी पड़ेगी।

अमेरिकी सेना भेजने से इनकार

हालाँकि ट्रंप ने कहा कि गाजा में विनाशकारी हिंसा रोकने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं, उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका अपने सैनिक तैनात नहीं करेगा। उनका कहना था कि “हमारे पास ऐसे लोग हैं जो यह काम कर सकते हैं, पर हम सैनिक नहीं भेजेंगे।” इस बयान ने यह संकेत दिया कि वैकल्पिक रणनीतियाँ या तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप पर विचार हो सकता है, पर अमेरिका की सीधे युद्ध में भागीदारी की संभावना फिलहाल न के बराबर है।

हमास गाजा में सत्ता में आने के 18 साल बाद भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। पर हाल के महीनों के इज़राइली अभियानों और क्षेत्रीय अस्थिरता ने उसके नियंत्रण में कमी ला दी है। स्थानीय सशस्त्र गिरोहों पर मानवीय सहायता भंडार लूटने व बाजार में बेचने के आरोप भी लगे हैं, जिससे क्षेत्र में अराजकता बढ़ी है। ट्रंप के चेतावनी संदेश का एक कारण यही आंतरिक टूट-फूट भी बताया जा रहा है।

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