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ट्रंप ने शुरू की ‘पॉलिटिकल वॉर’, शिकागो की 2.1 अरब डॉलर की फंडिंग फ्रीज

ट्रंप ने शुरू की ‘पॉलिटिकल वॉर’, शिकागो की 2.1 अरब डॉलर की फंडिंग फ्रीज

अमेरिका में सरकारी शटडाउन के बीच ट्रंप प्रशासन ने शिकागो के 2.1 अरब डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की फंडिंग रोक दी है। यह फैसला डेमोक्रेट-शासित राज्यों की फंडिंग पर लगातार हो रही कटौती के बीच आया है। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह कदम “रेस-बेस्ड कॉन्ट्रैक्टिंग” में गड़बड़ी रोकने के लिए उठाया गया है।

U.S. government shutdown: अमेरिका में राजनीतिक टकराव अब इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तक पहुंच गया है। ट्रंप प्रशासन ने शिकागो में चल रहे 2.1 अरब डॉलर के रेड लाइन एक्सटेंशन और मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट्स की फंडिंग फ्रीज कर दी है। ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के डायरेक्टर रसेल वॉट ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम “रेस-बेस्ड कॉन्ट्रैक्टिंग” में सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए लिया गया है। सरकारी शटडाउन के बीच डेमोक्रेट-शासित राज्यों पर फंडिंग रोकने की यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा रही है।

शिकागो के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर रोक

ट्रंप प्रशासन का यह कदम सीधे तौर पर शिकागो शहर को प्रभावित करेगा, जहां यह फंडिंग रेड लाइन एक्सटेंशन और रेड व पर्पल मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट्स के लिए दी जानी थी। इन प्रोजेक्ट्स के जरिए शहर की मेट्रो और पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को आधुनिक बनाया जाना था। लेकिन अब फंडिंग रुकने से यह काम अधर में लटक गया है।

ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट (OMB) के डायरेक्टर रसेल वॉट ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सरकारी धन का इस्तेमाल किसी “रेस-बेस्ड कॉन्ट्रैक्टिंग” यानी नस्लीय आधार पर ठेके देने की प्रक्रिया में न हो।

रसेल वॉट ने अपने बयान में लिखा कि ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सार्वजनिक फंड का इस्तेमाल न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से हो। उन्होंने कहा कि इस फंडिंग से जुड़े आगे के कदमों की जानकारी अमेरिकी परिवहन विभाग (USDOT) की ओर से जल्द जारी की जाएगी।

सरकारी शटडाउन के बीच बढ़ी खींचतान

अमेरिका इस वक्त सरकारी शटडाउन की स्थिति में है, जहां कई विभागों की सेवाएं ठप पड़ी हैं और लाखों कर्मचारी प्रभावित हैं। ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि इस शटडाउन के लिए डेमोक्रेट पार्टी जिम्मेदार है क्योंकि उन्होंने बजट पास करने में अड़चनें पैदा कीं। ऐसे में ट्रंप के फंडिंग फ्रीज के फैसले डेमोक्रेट्स शासित इलाकों को टारगेट करने जैसे दिख रहे हैं।

न्यूयॉर्क और अन्य राज्यों में भी फंडिंग रोकी गई

इससे पहले बुधवार को भी रसेल वॉट ने एक बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि न्यूयॉर्क सिटी के दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 18 अरब डॉलर की फेडरल फंडिंग फ्रीज कर दी गई है। इसके साथ ही ऊर्जा विभाग ने भी 16 राज्यों में 8 अरब डॉलर की फंडिंग रोक दी है। दिलचस्प बात यह है कि इन राज्यों में से कई वे हैं, जहां पिछले साल के चुनावों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को बड़ी जीत मिली थी।

विपक्ष ने लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप

डेमोक्रेटिक नेताओं ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल विपक्षी राज्यों को कमजोर करने के लिए कर रहा है। शिकागो के मेयर कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह फैसला न केवल शहर की विकास योजनाओं को रोकता है बल्कि हजारों नौकरियों को भी खतरे में डालता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का यह कदम उनके पुराने "अमेरिका फर्स्ट" और "रेसिप्रोकल टैरिफ" एजेंडे से जुड़ा हुआ है। वे मानते हैं कि ट्रंप डेमोक्रेट्स-नियंत्रित राज्यों को आर्थिक रूप से दबाव में लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

विकास कार्यों पर पड़ेगा असर

शिकागो में चल रहे रेड लाइन एक्सटेंशन और मेट्रो आधुनिकीकरण जैसे प्रोजेक्ट्स शहर की ट्रैफिक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुधारने में अहम भूमिका निभाने वाले थे। फंडिंग रुकने से न केवल ये योजनाएं रुक जाएंगी बल्कि पहले से चल रहे निर्माण कार्य भी प्रभावित होंगे। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है।

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