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उज्जैन के बेगम बाग में 11 बिल्डिंगों पर चला बुलडोजर, जाने क्या है मामला 

उज्जैन के बेगम बाग में 11 बिल्डिंगों पर चला बुलडोजर, जाने क्या है मामला 

उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास बेगम बाग क्षेत्र में उज्जैन विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए 11 मुस्लिमों के अवैध मकान तोड़ दिए। कोर्ट से स्टे खारिज होने के बाद हुई कार्रवाई पूरी तरह शांतिपूर्ण रही।

उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास बेगम बाग क्षेत्र में एक बार फिर बुलडोज़र चला है। उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) की ज़मीन पर बने 11 अवैध निर्माणों को प्रशासन ने शनिवार सुबह ध्वस्त कर दिया। यह इलाका मुस्लिम बहुल है और महाकाल मंदिर की पहुंच मार्ग से सटा हुआ है। चूंकि क्षेत्र संवेदनशील माना जाता है, इसलिए कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया। खास बात यह रही कि इस बार कार्यवाही पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और भवन मालिकों ने खुद अपने मकान खाली कर दिए।

बेगम बाग में प्रशासन की कार्रवाई

शनिवार सुबह 9 बजे से प्रशासन और पुलिस का अमला बेगम बाग इलाके में पहुंचा। करीब 100 पुलिस जवान और अधिकारी, जिनमें सीएसपी और टीआई भी शामिल थे, सुरक्षा व्यवस्था संभाले रहे। वहीं, विकास प्राधिकरण के सीईओ, नगर निगम अधिकारी, तहसीलदार और पटवारी सहित लगभग 100 अफसरों ने कार्रवाई को अंजाम दिया।

प्रशासन की ओर से बताया गया कि इससे पहले भी तीन चरणों में 13 अवैध इमारतें तोड़ी गई थीं, तब कुछ विरोध देखने को मिला था। लेकिन इस बार न्यायालय में लम्बी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने और भवन मालिकों को पर्याप्त समय देने के बाद ही यह कदम उठाया गया। इसलिए माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।

लीज खत्म होने के बाद भी बेगम बाग में चलता रहा व्यवसाय

बेगम बाग का यह इलाका वर्ष 1985 में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा आवासीय उपयोग के लिए 30 साल की लीज पर दिया गया था। हर भूखंड का आकार लगभग 2400 वर्ग फीट था। नियम यह था कि इन प्लॉट्स पर केवल आवासीय मकान ही बनाए जाएं।

लेकिन समय के साथ कई भूखंड धारकों ने यहां बड़े पैमाने पर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दीं। इतना ही नहीं, लीज की अवधि वर्ष 2014-15 में समाप्त हो गई, फिर भी नवीनीकरण नहीं कराया गया। इस दौरान नोटिस भेजने और चेतावनी देने के बावजूद निर्माण और उपयोग नियमों के खिलाफ चलता रहा।

अदालत से हटे स्टे के बाद बुलडोज़र कार्रवाई

जब यूडीए ने नोटिस जारी किए तो भूखंड धारक न्यायालय पहुंचे और उन्होंने स्टे ले लिया। यह मामला पहले लोअर कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और आखिर में सुप्रीम कोर्ट तक गया। हाल ही में सभी स्तरों पर स्टे खारिज होने के बाद प्रशासन के पास रास्ता साफ हुआ।

यूडीए सीईओ संदीप कुमार सोनी ने कहा कि लीज खत्म होने के बाद भी इन भूखंडों का नवीनीकरण नहीं कराया गया। साथ ही आवासीय उपयोग के स्थान पर व्यावसायिक गतिविधियां करना स्पष्ट रूप से नियम उल्लंघन है। अदालत से राहत नहीं मिलने पर संबंधित मालिकों को नोटिस दिया गया और समय सीमा भी समाप्त हो गई। इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।

बेगम बाग में अब तक 24 बिल्डिंग ढही

यूडीए ने बताया कि बेगम बाग क्षेत्र में कुल 30 भूखंड थे, जिन्हें टुकड़ों में बांटकर 65 बिल्डिंग खड़ी कर दी गईं। अब तक इनमें से 24 बिल्डिंग को जमींदोज़ किया जा चुका है। बाकी 41 अवैध इमारतों पर भी कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही कार्रवाई होगी।

शनिवार को जिन 11 इमारतों को ढहाया गया, वे भूखंड क्रमांक 15, 18, 29, 59 और 65 पर बनी थीं। ये मकान शेर बानो नागौरी, मोहम्मद अकरम, शहीदुर रहमान, सरफराज, मुबारिक, मोहम्मद तौसीब, अब्दुल लतीफ, सैय्यद कमर अली, मोहम्मद सिद्दीकी कुरैशी, नासिर अली और मोहम्मद सलीम के नाम पर थे।

संवेदनशील बेगम बाग में प्रशासन ने बरती सावधानी

चूंकि बेगम बाग मुस्लिम बहुल इलाका है और महाकाल मंदिर की पहुंच मार्ग पर स्थित है, इसलिए इसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। एहतियातन एक ओर से रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया और पुलिस बल अलर्ट मोड पर रहा। हालांकि भवन मालिकों ने न्यायालय के आदेश और प्रशासन की प्रक्रिया को देखते हुए खुद ही घर खाली कर दिए। यही वजह रही कि बिना किसी विवाद के 11 अवैध इमारतें ढहा दी गईं।

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