यूपी सरकार ने परिवार में संपत्ति ट्रांसफर पर स्टांप ड्यूटी को फ्लैट ₹5,000 कर दिया है। महिलाओं के लिए 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर 7% तक की छूट मिलेगी। नए नियम से रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान होगी, विवाद कम होंगे और ग्रामीण व छोटे शहरों के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
Property Transfer: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने परिवारों के लिए संपत्ति ट्रांसफर पर बड़ा सुधार किया है। अब परिवार में संपत्ति बाँटने या ट्रांसफर करने पर केवल ₹5,000 की स्टांप ड्यूटी लगेगी, जबकि महिलाओं को 1 करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर 7% तक की छूट मिलेगी। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया सरल होगी, संपत्ति विवाद घटेंगे और ग्रामीण व छोटे शहरों में कानूनी स्पष्टता बढ़ेगी।
पारिवारिक संपत्ति में आसान ट्रांसफर
इस नई व्यवस्था के तहत अब परिवार में किसी भी सदस्य को संपत्ति देने या शेयर करने पर सिर्फ 5,000 रुपये का फिक्स शुल्क लगेगा। इससे संपत्ति ट्रांसफर की प्रक्रिया सरल और तेज होगी। इससे पहले संपत्ति की वैल्यू के हिसाब से स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता था, जो कई बार बड़ी राशि में बदल जाता था।
CREDAI के सदस्य और Eldeco के सीओओ एसके जग्गी ने इस कदम को बड़ी राहत बताया। उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और संपत्ति विवाद कम होंगे। इस बदलाव से ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों को कानूनी सुरक्षा और सुविधा दोनों मिलेगी।
महिलाओं के लिए बड़ा बदलाव
सरकार ने महिलाओं के लिए भी विशेष प्रावधान किए हैं। पहले केवल 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर ही स्टांप ड्यूटी में छूट मिलती थी। अब यह सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। महिलाओं को 7 फीसदी तक की छूट मिलेगी, जिससे उन्हें संपत्ति खरीद पर सीधे लगभग 1 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है। इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और इसे ‘मिशन शक्ति’ के तहत लागू किया गया है।
रजिस्ट्री प्रक्रिया होगी आसान
नए नियमों से रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी काफी आसान हो गई है। अगर परिवार में आपसी सहमति है, तो संपत्ति का बंटवारा कुछ ही मिनटों में रजिस्टर्ड हो सकता है। इससे पहले यही प्रक्रिया कई दिनों तक चलती थी और कई बार लंबित रहती थी।
हालांकि सामान्य प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री के मामलों में अभी भी उत्तर प्रदेश देश के महंगे राज्यों में गिना जाता है। पुरुषों को लगभग 7 फीसदी और महिलाओं को 6 फीसदी स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ती है। इसके अलावा 1 फीसदी रजिस्ट्री शुल्क भी देना होता है। नोएडा और लखनऊ जैसे शहरों में सरकारी सर्किल रेट बाजार के भाव से अधिक हैं, जिससे खरीदारों को भारी टैक्स का बोझ उठाना पड़ता है।
ग्रामीण और छोटे शहरों के लिए लाभ
यह बदलाव खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में बड़ी राहत लेकर आया है। पहले वहां पर संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए लोग कानूनी झगड़ों और उच्च शुल्क के कारण हिचकिचाते थे। अब फिक्स 5,000 रुपये शुल्क के चलते अधिक लोग संपत्ति ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित होंगे।
CREDAI के एसके जग्गी ने कहा कि इस कदम से ग्रामीण और कस्बाई परिवारों में पारदर्शिता बढ़ेगी और संपत्ति विवाद कम होंगे। इसके अलावा, महिलाओं की संपत्ति में हिस्सेदारी बढ़ेगी और उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता का अवसर मिलेगा।