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उत्तराखंड बस हादसा: 25 यात्रियों से भरी बस अलकनंदा में गिरी, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड बस हादसा: 25 यात्रियों से भरी बस अलकनंदा में गिरी, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ हाईवे पर यात्रियों से भरी बस अलकनंदा नदी में गिर गई। बस में 20 से अधिक लोग सवार थे। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हादसे की जांच जारी।

Rudraprayag Bus Accident: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बद्रीनाथ हाईवे पर सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। घोलतीर इलाके में यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर सीधे अलकनंदा नदी में जा गिरी। हादसे के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

बस में सवार थे 20 से अधिक यात्री

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस में करीब 20-25 यात्री सवार थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह संख्या 18 बताई गई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। घटना के तुरंत बाद कुछ यात्री बस से बाहर गिरकर छिटक गए। वहीं अन्य यात्रियों के नदी में बह जाने की आशंका जताई जा रही है।

तेज बहाव में बह गई बस

हादसा ऐसे समय हुआ जब इलाके में बारिश के चलते नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। अलकनंदा नदी का बहाव तेज होने की वजह से बस पानी में समा गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस देखते ही देखते पूरी तरह जलधारा में गायब हो गई। हादसे के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है।

रेस्क्यू अभियान जारी

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। नदी का बहाव तेज होने और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है, लेकिन फिर भी जवान राहत कार्यों में लगातार लगे हुए हैं।

आईजी स्तर से निगरानी

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी नीलेश आनंद भरणे ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हादसा बेहद गंभीर है और इसमें जानमाल के बड़े नुकसान की आशंका है। उन्होंने कहा कि अब तक की जानकारी के अनुसार बस में 18 लोग सवार थे, लेकिन सही आंकड़ा रेस्क्यू के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य

रेस्क्यू टीम के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीण भी बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद कुछ ग्रामीणों ने नदी में छलांग लगाकर यात्रियों को बचाने की कोशिश की। यह स्थानीय सहयोग रेस्क्यू ऑपरेशन को गति देने में मददगार साबित हो रहा है।

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