जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भूस्खलन में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। बचाव अभियान जारी है, पीएम मोदी ने दुख जताया और वायुसेना, एनडीआरएफ मदद में जुटी है।
कटरा: जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी में मंगलवार (26 अगस्त) को हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या 32 तक पहुँच गई है। अधिकारियों के अनुसार, माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं। घटना कटरा शहर से मंदिर तक के 12 किलोमीटर लंबे घुमावदार रास्ते के लगभग बीच में हुई थी। इस भूस्खलन में कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं, जिनके बचाव के प्रयास जारी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। प्रशासन और राहत एजेंसियां लगातार प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चला रही हैं।
वायुसेना और रेस्क्यू टीमों ने बचाव अभियान शुरू किया
घटना के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना का सी-130 परिवहन विमान जम्मू पहुंचा, जिसमें बचाव और राहत सामग्री रखी गई थी। यह विमान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से रवाना हुआ था। इसके अलावा, चिनूक और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों को जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर और पठानकोट के आसपास के एयरबेस पर तैनात कर दिया गया है।
अर्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुँचाने में लगी हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि बारिश के कारण राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है, लेकिन बचाव अभियान निरंतर जारी है।
वैष्णो देवी यात्रा बारिश के कारण रोकी गई
वैष्णो देवी मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं। हिमकोटि मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न 1.30 बजे तक यात्रा जारी रही। अधिकारियों ने बारिश के बढ़ने के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसे स्थगित करने का फैसला किया।
जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश चौथे दिन भी जारी रही, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और खतरे के हालात बने हुए हैं। प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
जितेंद्र सिंह ने जम्मू में राहत कार्यों की जानकारी दी
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि जम्मू संभाग के अधिकारियों और विभिन्न विभागों के साथ लगातार बैठक कर स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्यक्तिगत रूप से राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ले रहे हैं।
जम्मू संभाग में बारिश की तीव्रता कम हुई है। तवी नदी का जलस्तर कम हुआ है, जबकि चिनाब नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। प्राथमिकता बिजली, पानी और मोबाइल सेवाओं की बहाली है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायुसेना के अधिकारी नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर बचाव कार्य कर रहे हैं।