इस समय देशभर में शादियों का सीजन पूरे जोर पर है, और युवा बड़ी संख्या में विवाह बंधन में बंध रहे हैं। किसी भी व्यक्ति के जीवन में, घर खरीदने के बाद शादी दूसरा सबसे बड़ा वित्तीय खर्च होता है।
नई दिल्ली: भारत में शादी एक भव्य और भावनात्मक आयोजन होता है, जिसमें न केवल परिवार की भावनाएं जुड़ी होती हैं, बल्कि लाखों रुपये का निवेश भी होता है। लेकिन अगर ऐन मौके पर कोई अप्रत्याशित घटना घट जाए तो यह सपना एक भारी नुकसान में बदल सकता है। इसी आर्थिक जोखिम को कम करने के लिए आजकल "वेडिंग इंश्योरेंस" तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
क्या है वेडिंग इंश्योरेंस
वेडिंग इंश्योरेंस, जिसे विवाह बीमा भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमा पॉलिसी है जो शादी से संबंधित आयोजनों और व्यय को विभिन्न संभावित जोखिमों से सुरक्षित करने के लिए तैयार की जाती है। इसमें विवाह समारोह के स्थगन या रद्द होने की स्थिति, प्राकृतिक आपदाएं, दंगों जैसी मानवीय आपदाएं, विवाह स्थल को नुकसान और यहां तक कि व्यक्तिगत दुर्घटनाएं तक शामिल हो सकती हैं।
शादी के दौरान लाखों रुपये खर्च होते हैं कपड़े, गहने, सजावट, खानपान, फोटोग्राफी, वेन्यू बुकिंग और ट्रैवल जैसे तमाम खर्च। अगर किसी कारणवश शादी स्थगित या रद्द करनी पड़े, तो इससे भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। वेडिंग इंश्योरेंस इसी प्रकार की परिस्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
कौन-कौन सी परिस्थितियां होती हैं कवर
वेडिंग इंश्योरेंस में कई तरह की स्थितियों को कवर किया जाता है, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- प्राकृतिक आपदाएं: बेमौसम बारिश, तूफान, बाढ़, भूकंप, ओलावृष्टि, और अन्य ईश्वरीय आपदाएं। इन घटनाओं के कारण अगर कार्यक्रम स्थल को नुकसान होता है या विवाह को स्थगित करना पड़ता है, तो इंश्योरेंस मददगार साबित होता है।
- मानव निर्मित आपदाएं: दंगे, राजनीतिक अस्थिरता, कर्फ्यू, या किसी क्षेत्र में अचानक सुरक्षा कारणों से लगाए गए प्रतिबंध।
- विवाह स्थल को नुकसान: अगर वेन्यू में आग लग जाए, दीवार गिर जाए, बाढ़ आ जाए या किसी भी कारणवश स्थल अनुपयोगी हो जाए, तो इंश्योरेंस पॉलिसी वह नुकसान कवर कर सकती है।
- पारिवारिक घटनाएं: दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता, भाई-बहन की अचानक मृत्यु या गंभीर चोट। ऐसी स्थितियों में समारोह को टालना पड़ सकता है, और इंश्योरेंस इसमें सहयोग करता है।
ऐड-ऑन कवर और राइडर्स भी हैं मौजूद
आज की बीमा पॉलिसियां केवल प्रमुख आयोजनों को ही नहीं, बल्कि कुछ विशिष्ट जरूरतों को भी ध्यान में रखती हैं। इसीलिए कई कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस में ऐड-ऑन कवर या राइडर की सुविधा भी देती हैं।
अटायर कवर
यदि शादी की पोशाक समारोह से पहले नुकसानग्रस्त हो जाए, चोरी हो जाए या खो जाए, तो अटायर कवर आपकी लागत की भरपाई करता है।
हनीमून कवरेज
शादी के बाद की यात्रा में कोई दुर्घटना, मेडिकल इमरजेंसी या टिकट कैंसिलेशन जैसी समस्याओं को भी हनीमून कवर के जरिए शामिल किया जा सकता है।
डेकोरेशन और इवेंट मैनेजमेंट कवर
अगर डेकोरेशन की सामग्री, साउंड सिस्टम या लाइटिंग में कोई खराबी या नुकसान हो जाए तो इन खर्चों को भी कवर किया जा सकता है।
प्रीमियम और कवरेज राशि
वेडिंग इंश्योरेंस की प्रीमियम राशि इस बात पर निर्भर करती है कि शादी का कुल खर्च कितना है और आप कितने कवरेज की जरूरत महसूस करते हैं। आमतौर पर 5 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की शादियों के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध होती हैं। प्रीमियम की शुरुआत कुछ हजार रुपये से होती है, जो पॉलिसी की अवधि और कवरेज के अनुसार बढ़ती है।
कौन खरीद सकता है वेडिंग इंश्योरेंस
विवाह बीमा पॉलिसी को दूल्हा-दुल्हन के परिवार के सदस्य, खुद दूल्हा या दुल्हन, या इवेंट ऑर्गेनाइजर भी ले सकता है। कई बार आयोजन स्थल के मालिक भी आयोजन से पहले बीमा करवाते हैं।
पॉलिसी लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें
- बीमा कंपनी की विश्वसनीयता जांचें
- क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को अच्छी तरह समझें
- सभी शर्तों को पढ़कर ही पॉलिसी खरीदें
- ऐड-ऑन कवर की जानकारी जरूर लें
- इंश्योरेंस अवधि को समारोह की तारीखों से जोड़कर ही पॉलिसी लें
क्यों जरूरी है वेडिंग इंश्योरेंस
भारत में शादियां न केवल सांस्कृतिक उत्सव होती हैं, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी होती है। एक बड़ी आबादी अपनी जमा पूंजी या लोन लेकर शादी करवाती है। अगर ऐसी किसी अप्रत्याशित घटना में शादी टालनी पड़े या नुकसान हो जाए, तो वेडिंग इंश्योरेंस एक आर्थिक सुरक्षा चक्र की तरह काम करता है।
इसके अलावा, मानसिक शांति भी एक बड़ा लाभ है। जब आप जानते हैं कि किसी भी अनहोनी की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा मौजूद है, तो आप अपने खास दिन को तनावमुक्त होकर एंजॉय कर सकते हैं।