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Pakistan: वर्ल्ड बैंक-IFC से पाकिस्तान को भारी फंडिंग, जानिए क्यों

Pakistan: वर्ल्ड बैंक-IFC से पाकिस्तान को भारी फंडिंग, जानिए क्यों

पाकिस्तान को रेको दिक कॉपर-गोल्ड प्रोजेक्ट के लिए वर्ल्ड बैंक और IFC से 700 मिलियन डॉलर का लोन मिला है। यह प्रोजेक्ट बैरिक गोल्ड, पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान सरकार मिलकर चला रहे हैं।

Pakistan: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एक बार फिर बड़ी राहत मिली है। इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) और वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर का नया लोन देने की मंजूरी दे दी है। यह फंडिंग खासतौर पर रेको दिक कॉपर-गोल्ड माइनिंग प्रोजेक्ट के लिए दी जा रही है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में स्थित है। इस परियोजना को पाकिस्तान सरकार, प्रांतीय बलूचिस्तान सरकार और कनाडा की प्रमुख खनन कंपनी बैरिक गोल्ड मिलकर संचालित कर रहे हैं।

रेको दिक प्रोजेक्ट: क्या है इसकी अहमियत?

रेको दिक प्रोजेक्ट दुनिया की सबसे बड़ी अनडेवलप्ड कॉपर और गोल्ड माइंस में से एक है। यह बलूचिस्तान के चगई जिले में स्थित है और इसे पाकिस्तान के आर्थिक पुनरुत्थान की उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी कनाडा की बैरिक गोल्ड कंपनी की है, जबकि 25-25 प्रतिशत हिस्सा पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान सरकार के पास है।

कितना लाभ कमा सकता है यह प्रोजेक्ट?

बैरिक गोल्ड के अनुसार, यह खदान भविष्य में लगभग 70 बिलियन डॉलर का फ्री कैश फ्लो और 90 बिलियन डॉलर का ऑपरेशनल कैश फ्लो उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है, खासकर उस समय जब देश लगातार विदेशी कर्जों और आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहा है।

IMF और वर्ल्ड बैंक क्यों दे रहे हैं इतनी बड़ी रकम?

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं, खासकर IMF और वर्ल्ड बैंक, आमतौर पर ऐसे प्रोजेक्ट्स को फंड करती हैं जिनमें दीर्घकालिक रिटर्न की संभावना हो। रेको दिक प्रोजेक्ट में निवेश को सुरक्षित माना जा रहा है क्योंकि इसमें वैश्विक स्तर की खनन कंपनी बैरिक गोल्ड शामिल है, जिसका रिकॉर्ड और क्षमता पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित हो चुकी है।

इसके अलावा, पाकिस्तान सरकार ने इस प्रोजेक्ट को ‘राष्ट्रीय प्राथमिकता’ के तहत रखा है और इसे आगे बढ़ाने के लिए नीति-निर्माण, सुरक्षा और कानूनी ढांचे को मजबूत करने की कोशिश की है।

पिछले महीने IMF से भी मिला था बड़ा लोन

यही नहीं, इससे पहले मई 2025 में IMF ने पाकिस्तान को 2.4 बिलियन डॉलर का लोन भी मंजूर किया था। इसमें से एक बिलियन डॉलर 7 बिलियन डॉलर के लंबे टर्म प्रोग्राम की किस्त के रूप में दिया गया था, जबकि 1.4 बिलियन डॉलर क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए मिला था।

इस लोन को लेकर भारत ने IMF में विरोध भी जताया था, लेकिन इसके बावजूद IMF ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता दी। इसे पाकिस्तान में एक डिप्लोमैटिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।

किन देशों और संस्थाओं से मिल सकता है और फंड?

प्रोजेक्ट के डायरेक्टर टिम क्रिब के अनुसार, IFC पहले ही 300 मिलियन डॉलर का फंड देने की बात कह चुका था, जिसे अब बढ़ाकर 650 मिलियन डॉलर कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रोजेक्ट टीम अमेरिकी एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन जैसे संस्थानों से भी ऋण लेने की दिशा में बातचीत कर रही है।

टिम क्रिब ने उम्मीद जताई है कि वर्ल्ड बैंक से उन्हें दो बिलियन डॉलर तक की सहायता भी मिल सकती है। उन्होंने बताया कि इस दिशा में बातचीत अंतिम चरण में है और तीसरी तिमाही की शुरुआत में टर्मशीट पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।

डॉ. तौकीर हसन की भूमिका और पाकिस्तान की रणनीति

पाकिस्तान सरकार के सलाहकार डॉ. तौकीर हसन ने इस लोन को पास करवाने में अहम भूमिका निभाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ल्ड बैंक और IFC के साथ उनकी बातचीत और लॉबिंग की वजह से यह फंडिंग संभव हो पाई। यह पाकिस्तान के लिए एक रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे भविष्य में और विदेशी निवेश का रास्ता खुल सकता है।

प्रोजेक्ट का पहला चरण कब शुरू होगा?

बैरिक गोल्ड का लक्ष्य है कि रेको दिक माइनिंग प्रोजेक्ट का पहला उत्पादन चरण साल 2028 में शुरू हो जाए। इसके लिए अभी भारी भरकम निवेश, तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधनों की आवश्यकता होगी। सरकार और निजी क्षेत्र इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।

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