इज़रायल ने वेस्ट बैंक के E1 क्षेत्र में 3,500 अपार्टमेंट की बस्ती योजना को अंतिम मंजूरी दी। फिलिस्तीनी और मानवाधिकार संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। यह गाजा और भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण कदम है।
Israel-Gaza: इज़रायल और हमास के बीच लगातार चल रहे संघर्ष के बीच इज़रायली सेना ने गाजा और वेस्ट बैंक के लिए नई रणनीति तैयार की है। इस योजना के तहत वेस्ट बैंक के विवादास्पद “E1” क्षेत्र में बस्ती निर्माण को अंतिम मंजूरी दे दी गई है। इससे गाजा का भू-राजनीतिक महत्व प्रभावित होगा और फिलिस्तीनियों के लिए भविष्य की यात्रा और अस्तित्व चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
फिलिस्तीनी और मानवाधिकार संगठन का विरोध
गाजा पर इज़रायल की इस योजना के सामने आने के बाद फिलिस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह परियोजना भविष्य के फ़िलिस्तीनी राज्य की योजना को बाधित कर सकती है। E1 क्षेत्र की बस्ती योजना पिछले दो दशकों से विचाराधीन थी, लेकिन अमेरिकी दबाव के कारण इसे स्थगित रखा गया था। अब प्लानिंग एंड बिल्डिंग कमेटी ने इसे अंतिम मंजूरी दे दी और इससे विरोध में दायर याचिकाएं भी खारिज कर दी गई हैं।
योजना में 3,500 अपार्टमेंट और बस्ती का विस्तार
इस योजना के तहत मा’ले अदुमीम बस्ती का विस्तार किया जाएगा और लगभग 3,500 अपार्टमेंट बनाए जाएंगे। इज़रायल के वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोटरिच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह निर्णय पश्चिमी देशों द्वारा फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना के जवाब में लिया गया है। स्मोटरिच ने स्पष्ट किया कि यह कदम फिलिस्तीनी राज्य की धारणा को कमजोर करेगा और भविष्य में मान्यता देने का कोई आधार नहीं बचेगा।
वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों की राह कठिन
E1 क्षेत्र रामल्ला और बेथलेहम के बीच स्थित है और फिलिस्तीनियों के लिए यह महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है। इस मार्ग पर बस्ती निर्माण से दोनों शहरों के बीच यात्रा लंबी और कठिन हो जाएगी। फिलिस्तीनी यात्रियों को इज़रायली चौकियों से गुजरना पड़ेगा, जिससे यात्रा में कई घंटे लगेंगे। "पीस नाउ" संगठन ने इस परियोजना को दो-राज्य समाधान के लिए घातक और लंबी अवधि तक हिंसा को बढ़ावा देने वाला बताया।
इज़रायल की बस्ती विस्तार योजनाएं
वेस्ट बैंक में इज़रायली बस्ती विस्तार योजनाएं लंबे समय से फिलिस्तीनियों के लिए कठिन वास्तविकता रही हैं। हाल के महीनों में बस्ती निवासियों के हमलों, बेदखली और कड़े चौकियों की वजह से फिलिस्तीनियों पर दबाव बढ़ा है। वर्तमान में 7,00,000 से अधिक इज़रायली वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम में रहते हैं। ये क्षेत्र 1967 में इज़रायल के कब्जे में आए थे, जबकि फिलिस्तीनियों का दावा है कि ये उनका भविष्य का राज्य होना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय समुदायों का विरोध
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन बस्ती निर्माण योजनाओं को अवैध और शांति प्रक्रिया के लिए बाधक मानता है। इज़रायल की सरकार में धार्मिक और कट्टर राष्ट्रवादी नेताओं का प्रभुत्व है, जिनके बस्ती आंदोलन से घनिष्ठ संबंध हैं। वित्त मंत्री स्मोटरिच को बस्ती नीतियों पर कैबिनेट स्तर का अधिकार दिया गया है और उन्होंने वेस्ट बैंक में बस्ती निवासियों की संख्या दोगुनी करने का संकल्प लिया है।