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'विश्वगुरु हमें निराश कर चुका है'– संसद में DMP सांसद कनिमोझी ने मोदी सरकार को घेरा

'विश्वगुरु हमें निराश कर चुका है'– संसद में DMP सांसद कनिमोझी ने मोदी सरकार को घेरा

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान डीएमके सांसद कनिमोझी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आतंकवाद, इंटेलिजेंस फेलियर और जवाबदेही पर सवाल उठाए।

DMK MP Kanimozhi: लोकसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा के दौरान डीएमके सांसद कनिमोझी ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी लेने से सरकार लगातार बच रही है और देश को भ्रमित कर रही है। उनका कहना था कि सरकार की विफलता के कारण ही पहलगाम जैसे हमले होते हैं, और फिर विदेशों में देश की छवि बचाने के लिए ऑल पार्टी डेलीगेशन भेजने की जरूरत पड़ती है।

'ऑल पार्टी डेलीगेशन क्यों भेजना पड़ा?'

कनिमोझी ने अपने संबोधन में कहा कि बीजेपी सरकार ने पहली बार विपक्ष पर भरोसा करते हुए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। इसमें विपक्षी नेताओं को विदेश जाकर देश का पक्ष रखने का अवसर मिला। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि इस स्थिति की जरूरत क्यों पड़ी? अगर सरकार पहले ही सतर्क होती, तो ऐसी नौबत नहीं आती।

'तीसरी बार सत्ता में होकर भी विपक्ष पर आरोप'

कनिमोझी ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने विपक्ष को ब्लेम गेम का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार तीसरी बार सत्ता में है, फिर भी हर बार किसी और को दोष देना उचित नहीं है। जिम्मेदारी लेना और जवाबदेही तय करना लोकतंत्र की बुनियाद है।

'विश्वगुरु ने कोई सबक नहीं सीखा'

डीएमके सांसद ने सरकार द्वारा बार-बार भारत को 'विश्वगुरु' कहे जाने पर भी निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि अगर भारत सच में विश्वगुरु है, तो आतंकी हमलों से अब तक क्या सीखा गया है? उन्होंने मोदी सरकार के दौरान हुए आतंकवादी हमलों की सूची गिनाते हुए कहा कि हर बार सरकार कहती है, "ऐसा दोबारा नहीं होगा," लेकिन हमले फिर भी होते हैं।

इंटेलिजेंस अलर्ट को क्यों नजरअंदाज किया गया?

कनिमोझी ने कहा कि पहलगाम हमले से पहले इंटेलिजेंस एजेंसियों की ओर से अलर्ट जारी किया गया था। रॉ और आईबी जैसी एजेंसियों ने संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पहले ही दी थी, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने दावा किया कि एक अमेरिकी कंपनी ने भी दिखाया कि पाकिस्तान की एक कंपनी जम्मू-कश्मीर की डिजिटल मैपिंग कर रही थी।

प्रधानमंत्री ने अब तक माफी क्यों नहीं मांगी?

सांसद कनिमोझी ने कहा कि हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक पीड़ित परिवारों से माफी नहीं मांगी है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि जब 26/11 मुंबई हमला हुआ था, तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और जिम्मेदारी ली थी। यह नेतृत्व की पहचान होती है।

'सरकार एक्सटेंशन पर चल रही है'

डीएमके सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार अफसरों को एक्सटेंशन देकर प्रशासन चला रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार को अपने दूसरे स्तर के अधिकारियों पर भरोसा नहीं है? क्या यही कारण है कि सभी महत्वपूर्ण पदों पर एक ही व्यक्ति बार-बार बने हुए हैं?

पीड़ितों को मुआवजा क्यों नहीं?

कनिमोझी ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के पीड़ितों को मुआवजा दिया? उन्होंने आरोप लगाया कि पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दी गई, जबकि हमले के लिए केंद्रीय सुरक्षा व्यवस्था की नाकामी जिम्मेदार थी।

विपक्ष को देशभक्त मानने से इंकार क्यों?

डीएमके नेता ने यह भी कहा कि सरकार बार-बार विपक्ष को कम देशभक्त साबित करने की कोशिश करती है। उन्होंने बताया कि जब सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, तब विपक्ष ने कहा था, "हम आपके साथ खड़े हैं, देश के साथ खड़े हैं।" उन्होंने कहा कि डीएमके तमिलनाडु की पहली पार्टी थी जिसने सशस्त्र बलों के समर्थन में रैली निकाली थी।

कनिमोझी ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी नेता आज भी नेहरू जी को इतना याद करते हैं, जितना शायद कांग्रेस भी नहीं करती। उन्होंने कहा कि डीएमके के युवा आज महात्मा गांधी और पेरियार के साथ-साथ नेहरू को भी पढ़ रहे हैं।

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