भारत के शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इसका मुख्य कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा की जा रही बिकवाली है। एफपीआई ने अक्टूबर के पहले आठ कारोबारी सत्रों में 58 हजार करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
New Delhi: भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी है। इसके परिणामस्वरूप, बीएसई सेंसेक्स 85,000 के स्तर को छूने के बाद अब लगभग 81,000 अंकों के आसपास गिर गया है। आइए जानते हैं कि FPI भारतीय बाजारों में बिकवाली के पीछे क्या कारण हैं, उन्होंने अब तक कितने शेयर बेचे हैं, और क्या यह प्रवृत्ति भविष्य में भी जारी रहेगी?
एफपीआई ने कितनी की FPI ने बिकवाली?
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के पहले आठ कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों से 58,711 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की है। यह 2024 के किसी एक महीने में अब तक की सबसे बड़ी बिकवाली है। अक्टूबर के महीने में, एफपीआई ने लगातार हर दिन शेयरों की बिक्री की है।
अक्टूबर में इक्विटी से तारीखवार निकासी
तारीख निकासी (करोड़ रुपये में)
एक अक्टूबर 6,426.84
तीन अक्टूबर 5,208.58
चार अक्टूबर 15,506.75
सात अक्टूबर 9,645.10
आठ अक्टूबर 8,126.70
नौ अक्टूबर 5,380.70
10 अक्टूबर 3,679.26
11 अक्टूबर 4,736.97
सितंबर में की गई रिकॉर्ड खरीदारी
हाल के डेटा के अनुसार, 7-11 अक्टूबर के बीच पांच कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने ₹31,568.03 करोड़ के शेयरों की बिक्री की है। इससे पहले के सप्ताह में तीन कारोबारी सत्रों के दौरान एफपीआई ने ₹27,142.17 करोड़ के शेयर बेचे थे। इस साल सितंबर में, एफपीआई ने ₹57,724 करोड़ के शेयरों की खरीदारी की थी, जो कि 2024 में एक महीने में सबसे अधिक खरीदारी थी
एफपीआई का वर्तमान निवेश
अक्टूबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में भारी बिकवाली की है, जिसके परिणामस्वरूप इक्विटी बाजारों में एफपीआई का शुद्ध निवेश घटकर 41,899 करोड़ रुपये रह गया है। इसके अलावा, एफपीआई केवल इक्विटी में ही नहीं, बल्कि डेट या बॉंड बाजारों से भी निकासी कर रहे हैं। एनएसडीएल के अनुसार, 12 अक्टूबर तक एफपीआई डेट बाजारों से 1,635 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं, जबकि सितंबर में इनमें 1,299 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया गया था।