मंगलवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 80.84 रुपये से 5% गिरकर 76.88 रुपये पर आ गए। यह गिरावट तब आई जब कंपनी के 50% शेयरों की एंकर लॉक-इन अवधि 5 नवंबर 2024 को खत्म हो गई। इन शेयरों में करीब 18.18 करोड़ या कंपनी के कुल बकाया शेयरों का 4% शामिल हैं।
नई दिल्ली: मंगलवार को शेयर बाजार में गिरावट आई, सेंसेक्स 240 अंकों की गिरावट के साथ 78,542 के स्तर पर खुला, जबकि निफ्टी 79 अंक टूटकर 23,917 के स्तर पर खुला। इस बीच, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 5% की गिरावट आई है। यह गिरावट एंकर निवेशकों की 90 दिन की लॉक-इन अवधि के समाप्त होने के कारण दर्ज की गई है।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 5% की गिरावट
मंगलवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर अपने पिछले बंद 80.84 रुपये से 5 प्रतिशत गिरकर 76.88 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। दरअसल, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के 50% शेयरों (करीब 18.18 करोड़ या कंपनी के बकाया शेयरों का 4%) के लिए एंकर लॉक-इन अवधि मंगलवार, 5 नवंबर को समाप्त हो गई थी। इस लॉक-इन अवधि के खत्म होने के बाद ही इस गिरावट का असर देखने को मिला है।
ओला इलेक्ट्रिक के 90 दिन की एंकर लॉक-इन अवधि खत्म
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में मंगलवार को 5 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी के 90 दिनों की एंकर लॉक-इन अवधि समाप्त हो गई। इसका मतलब यह है कि अब एंकर निवेशकों द्वारा खरीदी गई 18.18 करोड़ ओला इलेक्ट्रिक के शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो गए हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि लॉक-इन समाप्त होने का मतलब यह नहीं है कि सभी शेयर बेचे जाएंगे, बल्कि ये अब केवल ट्रेडिंग के लिए पात्र हैं।
यह लॉक-इन अवधि के अंत में ट्रेडिंग के लिए शेयर उपलब्ध होने से निवेशकों की गतिविधियों में बदलाव आया है। इससे पहले 9 सितंबर को 30 दिनों की पहली लॉक-इन अवधि समाप्त हुई थी। आईपीओ में एंकर निवेशकों को आवंटित कुल 50% शेयर 30 दिनों के लिए लॉक किए गए थे, जबकि बाकी के 50% शेयर 90 दिनों के लिए लॉक रहते हैं।
ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ, 2 अगस्त को ओपन हुआ था
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 2 अगस्त 2024 को ओपन हुआ था, और प्राइमरी मार्केट से कुल 6,145.56 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। आईपीओ के ओपन होने से एक दिन पहले, कंपनी ने अपने एंकर निवेशकों को 36.35 करोड़ शेयर आवंटित किए थे।
इस आवंटन से ओला इलेक्ट्रिक ने 2,763 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि शेयर का अपर प्राइस बैंक 76 रुपये प्रति शेयर था। एंकर निवेशकों से जुटाई गई रकम कंपनी के लिए एक अहम वित्तीय कदम था, जिससे आईपीओ को सफलता मिल सकी।
इस आईपीओ के जरिए ओला इलेक्ट्रिक ने न केवल भारतीय बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने निवेशकों का विश्वास हासिल किया, जिससे कंपनी के वित्तीय विस्तार की दिशा भी मजबूत हुई है।