शेयर बाजार में भारी गिरावट के चलते बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 2.33 लाख करोड़ रुपये की कमी आई, जिससे कुल मार्केट कैप घटकर 257.73 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
Stock Market Crash Today: शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भारी दबाव देखने को मिला। निवेशकों के बीच घबराहट का माहौल देखने को मिला, जिसके चलते सेंसेक्स 1000 अंक से अधिक गिर गया और निफ्टी 24,400 के नीचे फिसल गया। यह गिरावट इतनी व्यापक थी कि लगभग सभी प्रमुख सेक्टर में बिकवाली का दबाव बना रहा। इस भारी गिरावट की वजह से निवेशकों के 2.33 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। आइए विस्तार से जानते हैं कि बाजार में इस गिरावट के पीछे क्या कारण रहे।
फेड मीटिंग से पहले निवेशकों में सतर्कता
18 दिसंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें ब्याज दरों में कटौती को लेकर संकेत मिलने की उम्मीद है। निवेशक इस बैठक के नतीजों को लेकर असमंजस में हैं और इस अनिश्चितता के कारण पैनिक सेलिंग बढ़ गई है। खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाते हुए बिकवाली शुरू कर दी। CME फेडवॉच टूल के अनुसार, 25 बेसिस पॉइंट्स की रेट कट की 97% संभावना जताई जा रही है, लेकिन वैश्विक बाजारों में एक नर्वसनेस का माहौल बना हुआ है। इस वजह से भारतीय बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
चीन की कमजोर अर्थव्यवस्था
चीन की अर्थव्यवस्था में कमजोरी का असर वैश्विक बाजार पर व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। हाल ही में जारी किए गए आर्थिक आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर महीने में चीन की खुदरा बिक्री में केवल 3% का इजाफा हुआ है, जबकि अक्टूबर में यह वृद्धि 4.8% थी। इससे यह साफ होता है कि चीन की अर्थव्यवस्था में मांग की कमी आ रही है। इसके साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन में भी साल-दर-साल केवल 5.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो उम्मीद से कम रही। चीन की यह आर्थिक सुस्ती वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार के लिए खतरा पैदा कर रही है और इसका नकारात्मक असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा है।
डॉलर की मजबूती
डॉलर की लगातार मजबूत होती स्थिति ने भी भारतीय शेयर बाजार पर दबाव डाला है। डॉलर इंडेक्स 106.77 के स्तर पर बरकरार है और इस साल अब तक 5% की मजबूती के साथ तेजी के रुझान पर है। डॉलर की मजबूती का मतलब यह है कि वैश्विक निवेशक उभरते बाजारों, जैसे कि भारत, से पैसा निकालकर सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर सकते हैं। विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार से दूरी बनाने की संभावना से घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ गया है।
वैश्विक बाजार का ट्रेंड
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी इस सप्ताह भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक और जापान के बैंक की नीतिगत घोषणाओं को लेकर ट्रेडर्स सतर्क बने हुए हैं। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हैं, जबकि जापान के बैंक की ओर से मौजूदा नीतिगत रुख बनाए रखने की संभावना जताई जा रही है। वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के माहौल का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। विदेशी बाजारों में गिरावट के चलते भारतीय निवेशकों का सेंटीमेंट भी कमजोर हुआ और नतीजतन बिकवाली तेज हो गई।
बीएसई मार्केट कैप में भारी गिरावट
शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों के कुल मार्केट कैप में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को बीएसई के कुल मार्केट कैप में 2.33 लाख करोड़ रुपये की कमी आई। इस गिरावट के बाद बीएसई का कुल मार्केट कैप 257.73 लाख करोड़ रुपये पर सिमट गया।