दिवाली का समय करीब आते ही सोने की पारंपरिक खरीद में तेजी आ गई है। पिछले साल की तुलना में सोने की कीमतें 30% बढ़ चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले धनतेरस और दिवाली तक सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर सकती हैं।
Gold Trade: दिवाली के नजदीक आते ही सोने में निवेश की चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल दिवाली 2025 तक सोने की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच सकती हैं। सोना भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जिसे समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में सोने ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है, और इस साल भी यह ट्रेंड जारी है। इंडियन बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिवाली के दौरान सोने का भाव 60,282 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर 78,577 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। यह दर्शाता है कि एक साल में सोने की कीमत में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है।
सोने की कीमतों में तेजी
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इसका मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती जैसे फैक्टर शामिल हैं, जो सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। बढ़ती महंगाई और रुपये में गिरावट भी सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण बन रही है, जिससे निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं।
DSP म्यूचुअल फंड की नेत्रा रिपोर्ट - अक्टूबर 2024 के अनुसार, उभरते बाजारों में सोने ने स्थानीय करेंसी में मजबूत रिटर्न प्रदान किया है। यह आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं से प्रभावित है, जो करेंसी डेप्रिसिएशन और सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकते हैं।
रिपोर्ट में अस्थिरता को कम करने और जोखिम का प्रबंधन करने के लिए पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया गया है, जिससे समग्र रिटर्न में सुधार हो सकता है। उभरते बाजारों में निवेशकों को अनिश्चितता के इस दौर में स्थिर संपत्ति के रूप में सोने पर विचार करने की सलाह दी जाती है।
निवेशकों का डिफेंसिव विकल्प
वेंचुरा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि सोना वैश्विक अनिश्चितता और शेयर बाजार की अस्थिरता के दौरान एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है। यह जरूरी नहीं कि निवेशक केवल अत्यधिक रिटर्न का लक्ष्य रखें, बल्कि निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए भी यह एक मूल्यवान संपत्ति है। ऐतिहासिक आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि सोना कम या नकारात्मक इक्विटी रिटर्न की अवधि में अच्छा प्रदर्शन करता है। जर्मिनेट इन्वेस्टर सर्विसेज के सीईओ संतोष जोसेफ का मानना है कि वर्तमान वैश्विक परिवेश के चलते सोने में इन्वेस्ट करने के लिए सही समय है।
सोने की कीमतें बढ़ने के आसार
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में तेजी जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव केवल एक पखवाड़े दूर है, जो वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा कर रहा है। अन्य परिसंपत्तियों में अस्थिरता के चलते सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है।
इसके अलावा, सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि फेडरल रिजर्व अपनी आगामी बैठक में ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं, जो 6 और 7 नवंबर को होनी है। यदि फेड दरों में कटौती करता है, तो यह सोने की कीमतों को अप्रत्याशित रूप से प्रभावित कर सकता है। अनिश्चितता के समय में, सोना एक सुरक्षित आश्रय के रूप में निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
क्या सोना 2025 तक 1 लाख रुपये को करेगा पार?
सोने को लंबी अवधि के निवेश के लिए एक शीर्ष विकल्प माना जाता है, क्योंकि यह सुरक्षा और उचित रिटर्न दोनों प्रदान करता है। पिछले पांच वर्षों में घरेलू सोने की कीमतें दोगुनी हो गई हैं, और दो दशकों में वे लगभग दस गुना बढ़ चुकी हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले धनतेरस और दिवाली तक सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकती है। पिछले नवंबर से लगभग 30% की वृद्धि के साथ, दिवाली 2025 तक सोने की कीमतें 1,03,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती हैं।