Axis बैंक के शेयर सितंबर तिमाही नतीजों के बाद 4% बढ़कर 1,169 रुपये पर बंद हुए। Q2 में बैंक का मुनाफा 26% घटकर 5,090 करोड़ रुपये रहा, जबकि नेट इंटरेस्ट इनकम और एसेट क्वालिटी उम्मीद से बेहतर रही। जेफरीज ने शेयर का टारगेट प्राइस 1,430 रुपये रखा, मोतीलाल ओसवाल 1,300 और बर्नस्टीन 1,250 रुपये बताई।
Axis Bank Share: Axis बैंक के शेयर सितंबर तिमाही नतीजों के बाद 4% बढ़कर 1,169 रुपये पर बंद हुए। वित्त वर्ष 2025-26 की Q2 में बैंक का मुनाफा 26% घटकर 5,090 करोड़ रुपये रहा, जबकि नेट इंटरेस्ट इनकम और परिचालन पैरामीटर्स उम्मीद से बेहतर रहे। जेफरीज ने शेयर पर ‘BUY’ रेटिंग के साथ 1,430 रुपये का टारगेट प्राइस रखा, मोतीलाल ओसवाल ने 1,300 रुपये और बर्नस्टीन ने 1,250 रुपये का लक्ष्य बताया, निवेशकों को रिटर्न की संभावना बनी हुई है।
तिमाही नतीजों का विवरण
Axis बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार पर 2 फीसदी बढ़कर 13,744 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछली वर्ष की समान अवधि में यह 13,483 करोड़ रुपये थी। परिचालन आय जुलाई-सितंबर तिमाही में 3 फीसदी घटकर 10,413 करोड़ रुपये रही। सितंबर 2025 तक बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (Gross NPA) 1.46 फीसदी और नेट NPA 0.44 फीसदी रही।
बैंक के प्रॉफिट में गिरावट का मुख्य कारण 1,231 करोड़ रुपये की वन टाइम प्रोविजनिंग रही। इस प्रोविजनिंग ने बैंक की प्रॉफिटेबिलिटी पर असर डाला। हालांकि, बैंक के अन्य वित्तीय पैरामीटर्स उम्मीद से बेहतर रहे।
ब्रोकरेज का रेटिंग अपडेट
ग्लोबल ब्रोकरेज Jefferies ने Axis बैंक पर ‘BUY’ रेटिंग दी है। Jefferies ने स्टॉक पर टारगेट प्राइस बढ़ाकर ₹1,430 कर दिया है। इससे निवेशकों को 22 फीसदी से अधिक का रिटर्न मिलने की संभावना है। Jefferies के अनुसार, आरबीआई की तरफ से अनिवार्य की गई प्रोविजनिंग ने बैंक के लिए नेगेटिव असर डाला। लेकिन स्लिपेज में कमी, कोर क्रेडिट कॉस्ट में सुधार और बेहतर कोर ट्रेंड्स से शेयर का मौजूदा वैल्यूएशन आकर्षक है।
मोतीलाल ओसवाल ने बैंक पर ‘Neutral’ रेटिंग बनाए रखते हुए 1,300 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह मौजूदा शेयर भाव से लगभग 11 फीसदी अधिक है। Bernstein ने ‘Outperform’ रेटिंग के साथ 1,250 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। ब्रोकरेज के अनुसार, स्लिपेज में कमी और कार्ड ऐडिशन में सुधार यह संकेत देते हैं कि एसेट क्वालिटी अब अपने निचले स्तर के करीब है।
प्रोविजनिंग और मार्जिन
तिमाही के दौरान की गई एकमुश्त प्रोविजनिंग से बैंक के नेट लाभ पर असर पड़ा। बैंक के मार्जिन में तिमाही आधार पर 7 बेसिस पॉइंट की गिरावट हुई। मैनेजमेंट के अनुसार, नेट इंटरेस्ट मार्जिन तीसरी तिमाही में निचले स्तर पर पहुंच सकता है।
एसेट क्वालिटी में सुधार
बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार देखा गया। स्लिपेज में कमी आई और GNPA व NNPA रेश्यो बेहतर हुए। यह सुधार कोर और तकनीकी स्लिपेज दोनों में कमी की वजह से हुआ। ब्रोकरेज का मानना है कि क्रेडिट कॉस्ट पिछले तिमाहियों की तुलना में कम रही, लेकिन आने वाले तिमाहियों में यह ट्रेंड उलट सकता है।