RBI ने Repo Rate घटाकर 6% किया। EMI होगी सस्ती, UPI ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ी। KYC प्रक्रिया आसान होगी और Gold Loan नियमों की समीक्षा की जाएगी।
RBI Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को Repo Rate में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिससे यह अब 6% हो गया है। यह वर्ष 2025 की दूसरी बार की गई कटौती है, जिसका असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। इस फैसले से Home Loan, Auto Loan और Personal Loan की EMI में कमी की उम्मीद की जा रही है। इसके साथ ही UPI Transaction Limit भी बढ़ा दी गई है, जिससे डिजिटल भुगतान में तेजी आ सकती है।
EMI में राहत, सस्ते होंगे लोन
RBI के फैसले के बाद अब बैंक अपने Home और Auto Loans को Repo Linked Lending Rate (RLLR) के हिसाब से सस्ता कर सकते हैं। अगर बैंक ब्याज दरों में कमी का पूरा लाभ ग्राहकों को देते हैं तो EMI घट सकती है। उदाहरण के लिए, ₹50 लाख के होम लोन पर 20 साल की अवधि में नई ब्याज दर 8.0% होने पर EMI ₹41,822 होगी। कुल ब्याज ₹50 लाख के लोन पर ₹50.37 लाख तक हो सकता है।
Auto Loan होगा और किफायती
Car और Two-wheeler Loan लेने वाले ग्राहकों को अब कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना है। RBI की कटौती से बैंकिंग सेक्टर में लोन की लागत घटेगी, जिससे Monthly EMI में सीधी राहत मिलेगी।
बढ़ी UPI Transaction Limit
RBI ने P2M (Person to Merchant) Transactions के लिए UPI लिमिट को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इससे अब यूजर्स ज्यादा रकम का भुगतान आसानी से कर पाएंगे। वर्तमान में P2P लिमिट ₹1 लाख और P2M के लिए ₹2 लाख तक थी, जिसे अब अलग-अलग जरूरतों के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
बार-बार KYC से राहत
RBI ने C-KYC प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने की घोषणा की है। इससे ग्राहकों को हर बार बैंक जाकर अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
गोल्ड लोन के नियमों की समीक्षा
RBI गवर्नर संजीव मल्होत्रा ने Gold Loan से जुड़े नियमों की समीक्षा का ऐलान किया है। सोना गिरवी रखकर लोन लेने वालों के लिए नई गाइडलाइंस जल्द लागू हो सकती हैं। इससे Loan Structure और Borrowing Rules ज्यादा पारदर्शी और एक समान बन सकते हैं।