SEBI ने SME IPO के नियमों को सख्त किया है। अब प्रमोटर्स के लिए 20% OFS लिमिट, लाभ मानदंड, और आवेदन आकार को बढ़ाकर दो लॉट किया गया है, निवेशक सुरक्षा बढ़ाई गई है।
SME IPO: मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने लघु एवं मझोले उद्यमों (SME) के लिए आईपीओ से संबंधित नियमों को सख्त कर दिया है। इस बदलाव का उद्देश्य निवेशकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले एसएमई को पूंजी जुटाने का मौका प्रदान करना है।
नवीन लाभ मानदंड और प्रमोटर्स के बिक्री प्रस्ताव पर 20% लिमिट
सेबी की नई गाइडलाइंस के अनुसार, एसएमई के आईपीओ के लिए कम से कम दो वित्तीय वर्षों में से एक करोड़ रुपये का परिचालन लाभ (EBITDA) प्राप्त करना अनिवार्य है। साथ ही, प्रमोटर्स के बिक्री प्रस्ताव (OFS) को आईपीओ के कुल निर्गम आकार का 20 प्रतिशत तक सीमित किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रमोटर्स अपनी होल्डिंग्स का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं बेच सकेंगे।
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सख्त नियम
एसएमई आईपीओ में गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए आवंटन पद्धति को भी मानकीकरण किया गया है, जिससे निवेशकों की समान हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सके। साथ ही, सेबी ने एसएमई आईपीओ के लिए न्यूनतम आवेदन आकार को दो लॉट कर दिया है, ताकि केवल गंभीर निवेशक ही भाग लें और अनावश्यक अटकलों को रोका जा सके।
एसएमई से संबंधित नई पॉलिसी
इसके अतिरिक्त, सेबी ने एसएमई के कॉरपोरेट उद्देश्य (GCP) के लिए आवंटित राशि को कुल निर्गम आकार का 15 प्रतिशत या 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया है। महत्वपूर्ण यह है कि एसएमई द्वारा प्राप्त आय को प्रमोटरों से ऋण चुकाने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
नए नियमों से निवेशकों को होगा फायदा
इस बदलाव से एसएमई आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी, खासकर उन छोटे निवेशकों को जो आमतौर पर शेयर की बढ़ती कीमत को देखकर निवेश करते हैं।
दस्तावेज़ीकरण और घोषणाओं के लिए नई आवश्यकताएं
SEBI के अनुसार, एसएमई आईपीओ की विवरण पुस्तिका (DRHP) को 21 दिनों तक सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही, जारीकर्ता को अपनी घोषणाएं प्रकाशित करने और DRHP तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड शामिल करने की आवश्यकता होगी।