Health Insurance: कम प्रीमियम में ज्यादा लाभ, जानें कैसे सावधानी से चुनें सही स्वास्थ्य बीमा

Health Insurance: कम प्रीमियम में ज्यादा लाभ, जानें कैसे सावधानी से चुनें सही स्वास्थ्य बीमा
Last Updated: 2 घंटा पहले

स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) आजकल हर व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी हो गया है। यह न केवल आपको और आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि आप मेडिकल खर्चों से भी बच सकते हैं। हालांकि, कई लोग महंगे प्रीमियम के कारण हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लेते। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे कम प्रीमियम में ज्यादा लाभ वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुन सकते हैं और इंश्योरेंस लेते समय किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।

नई दिल्ली: आजकल हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) खरीदने के दौरान कई उपभोक्ताओं को बीमा एजेंटों से आवश्यक जानकारी नहीं मिल पाती, खासकर जब वे ऑनलाइन बीमा खरीदते हैं। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहक अपना प्रीमियम कम करने के विकल्पों से अनजान रहते हैं। पहले जहां स्वास्थ्य बीमा उत्पादों में बदलाव करने का विकल्प नहीं मिलता था, वहीं अब बीमा कंपनियां यह सुविधा प्रदान कर रही हैं, जिससे उपभोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार बीमा उत्पाद में बदलाव कर सकते हैं और प्रीमियम में कमी कर सकते हैं।

प्रीमियम कम करने के उपाय

यदि आपको लगता है कि इलाज के दौरान आप सिंगल रूम की बजाय डबल रूम या जनरल वार्ड में रह सकते हैं, तो आप अपनी पॉलिसी से सिंगल रूम विकल्प हटा सकते हैं। इससे आपके प्रीमियम में 5-10 प्रतिशत तक कमी हो सकती है। इसके अलावा, बीमा एजेंट से विचार-विमर्श करके आप और भी फीचर्स में बदलाव कर सकते हैं। ध्यान दें कि फीचर्स बढ़ाने पर प्रीमियम में वृद्धि हो सकती है।

प्रीमियम की अवधि अपनी सुविधा अनुसार चुनें

पहले उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम एकमुश्त चुकाना पड़ता था, जो कई बार उपभोक्ताओं के लिए मुश्किल होता था। अब बीमा कंपनियां ग्राहकों की सुविधा के अनुसार छमाही, तिमाही या मासिक आधार पर प्रीमियम भुगतान की सुविधा दे रही हैं, जिससे उपभोक्ता के लिए यह अधिक सुलभ हो गया है।

संपूर्ण जानकारी दें, क्लेम रिजेक्ट से बचें

स्वास्थ्य बीमा खरीदते वक्त अपनी पुरानी बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी देना जरूरी है। अगर आप बीपी, शुगर या हार्ट संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं, तो उसकी जानकारी बीमा कंपनी को देनी चाहिए। इन बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड तीन साल होता है, यानी इन बीमारियों से संबंधित इलाज का खर्च तीन साल के बाद ही कवर किया जाएगा। यदि आप लगातार पांच साल तक बीमा पॉलिसी को जारी रखते हैं, तो कंपनी आपको किसी बीमारी के लिए क्लेम देने से मना नहीं कर सकती है।

कवरेज राशि बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करें

पॉलिसी बाजार डॉटकाम के हेल्थ इंश्योरेंस हेड, सिद्धार्थ सिंघल का कहना है कि उपभोक्ता अपनी कवरेज राशि को बढ़ाने के लिए 2,000 से 3,000 रुपये अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं, जिससे कवरेज राशि एक करोड़ तक बढ़ाई जा सकती है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए यह एक जरूरी कदम हो सकता है, क्योंकि बड़े अस्पतालों में इलाज का खर्च 15 से 20 लाख रुपये तक जा सकता है। बड़े शहरों में इलाज की लागत लगातार बढ़ रही है, इसलिए हर परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये की हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज होनी चाहिए।

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