TMH के सीईओ किरिल लीपा ने हाल ही में मॉस्को स्थित कंपनी के हेड ऑफिस में भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बातचीत करते हुए कहा कि भारत में मौजूदा ब्याज दरें अन्य देशों से अलग हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने कहा कि कंपनी भारत में निवेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और इसके लिए उन्होंने आवश्यक कदम उठाए हैं।
भारत और रूस के बीच रेलवे क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग की दिशा में एक नई पहल हो रही है। रूस, भारत में अपनी ट्रेन और कल-पुर्जों के निर्माण के लिए निवेश करने का प्लान बना रहा है। यह कदम रूस की घरेलू रेलवे जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पिछले हफ्ते रूस की प्रमुख रेलवे कंपनी TMH ने इस परियोजना में रुचि व्यक्त की थी। उन्होंने कहा, "रूस की घरेलू जरूरतें बहुत बड़ी हैं, और इस वजह से वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करना चाहते हैं।"
इस निवेश के साथ, भारत में तैयार की गई ट्रेनें और उनके पुर्जे अब रूस में भी उपयोग किए जाएंगे, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नया बल मिलेगा।
TMH के CEO ने कहा - भारत में निवेश के लिए तैयार
TMH के सीईओ किरिल लीपा ने हाल ही में मॉस्को स्थित कंपनी के हेड ऑफिस में भारतीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारत में निवेश करने की अपनी योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा, भारत में वर्तमान ब्याज दर अन्य देशों से काफी अलग है, और यही कारण है कि हम भारत में निवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
लीपा ने यह भी बताया कि कंपनी भारत में कई नई सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रही है, और इन सुविधाओं के जरिए बनाए गए उत्पादों को रूस के बाजार में भी सप्लाई किया जा सकता है। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
भारत से रूस को सप्लाई
रूस के प्रमुख रेलवे कंपनी TMH के CEO किरिल लीपा ने हाल ही में भारत से जुड़े सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स पर अहम जानकारी दी। लीपा ने कहा, "रूस के पास वर्तमान में भारत से कई सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स हैं और हमारे भारत के सप्लायर के साथ अच्छे रिश्ते हैं, जिससे हम रूस में ट्रेनों के आयात को बढ़ा सकते हैं।"
TMH, Kinet Railway Solutions का एक प्रमुख हिस्सेदार है और इसने भारतीय रेलवे के साथ 55,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है, जिसमें 1,920 वंदे भारत स्लीपर कोच का निर्माण और 35 साल तक उनका मेंटेनेंस शामिल है। हालांकि, लीपा ने यह स्पष्ट किया कि वंदे भारत प्रोजेक्ट के लिए रूस से सप्लाई की कोई योजना नहीं है।
उनका कहना है कि इन सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स के चलते भारतीय और रूस के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूती मिलेगी, साथ ही यह व्यापारिक सहयोग दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
रूस की ट्रेन मैन्युफैक्चरिंग से देश को होंगे ये बड़े फायदे
रूस और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्तों के बीच, TMH के CEO किरिल लीपा ने इस बात का खुलासा किया कि दोनों देशों के बीच कुछ सप्लायर ऐसे हैं जो इन रिश्तों को मजबूत करने के लिए तैयार हैं। लीपा का कहना है कि वर्तमान में लागू प्रतिबंधों का इस प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा और यह व्यापार दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
रूस द्वारा भारत में ट्रेन मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं की स्थापना से भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। विशेष रूप से, इस परियोजना से युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरी के अवसर मिलेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।