इस बार का सावन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस माह में कई अद्वितीय और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की कृपा से सभी प्रकार के रोग और दोष समाप्त हो जाते हैं। सावन के इस महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ रहे हैं, जिनमें से एक शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है। वर्तमान में, 5 राशियों के जातक साढ़ेसाती और ढैय्या से प्रभावित हैं, और उन्हें शनि प्रदोष पर यह उपाय अवश्य करना चाहिए।
वर्तमान में मकर, कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है। इन राशियों के जातकों को शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से शिव की कृपा से शनि शांत हो जाएंगे। मान्यता है कि भगवान शिव शनिदेव के गुरु हैं।
शनि प्रदोष के दिन उपाय जरूर करें
17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत है। इस दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए मकर, कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के लोगों को भगवान शिव का जलाभिषेक करना चाहिए। राम नाम लिखा हुआ बेलपत्र अर्पण करें और शाम के समय आटे का दीपक बनाकर तिल के तेल का दीया जलाएं। इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आएगी, और आर्थिक, मानसिक, एवं शारीरिक कष्ट दूर होंगे।