दीपावली, जिसे हम दीवाली के नाम से भी जानते हैं, भारत में खुशियों, रोशनी और नए आरंभ का प्रतीक है। लेकिन यह त्योहार केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं है। दुनियाभर के कई देशों में, विशेषकर जहां भारतीय समुदाय बसे हुए हैं, दीवाली को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। उदाहरण के लिए, नेपाल में दीवाली को तिहार के नाम से जाना जाता है, जहां इसे भाई दूज और लक्ष्मी पूजा के साथ मनाया जाता है। वहीं, इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारतीय प्रवासी समुदाय इस त्योहार को परंपराओं के साथ मनाते हैं, जिसमें आतिशबाजी, मिठाइयाँ और रंगोली शामिल होती है। इन देशों में दीवाली का उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है, जहां विभिन्न संस्कृतियों के लोग एक साथ मिलकर इस रोशनी के त्योहार का आनंद लेते हैं।
दीवाली भारत में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाई जाती है।
दीपावली का त्योहार इस वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
विदेशों में भी दीवाली का त्योहार बेहद उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है।
नेपाल में दीवाली (तिहाड़)
नेपाल में दीवाली को "तिहाड़" के नाम से जाना जाता है, जो कि पांच दिनों तक चलने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है:
पहला दिन: इस दिन गाय की पूजा की जाती है, क्योंकि गाय को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
दूसरा दिन: कुत्तों की पूजा की जाती है, यह मान्यता है कि कुत्ते यमराज के संदेशवाहक होते हैं।
तीसरा दिन: इस दिन मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
चौथा दिन: यमराज की पूजा की जाती है, जो मृत्यु और जीवन के देवता हैं।
पाँचवां दिन: भैयादूज मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाइयों के लिए लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
नेपाल में दीवाली का यह त्योहार भारत की तरह ही धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें घरों को दीयों और रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समागम का भी प्रतीक है।
मलेशिया में दीवाली (हरि दीवाली)
मलेशिया में दीवाली को "हरि दीवाली" के नाम से जाना जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे यहां बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।:
सुबह की पूजा: हरि दीवाली के दिन लोग जल्दी उठकर स्नान करते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। पूजा में विशेष रूप से लक्ष्मी माता की आराधना की जाती है।
त्योहार का माहौल: इस दिन मलेशिया के विभिन्न हिस्सों में मेले और बाजार सजाए जाते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को मिठाइयाँ बांटते हैं।
भोजन का आनंद: विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं, जैसे कि मिठाइयाँ, स्नैक्स और खास भोजन। परिवार और दोस्त एक साथ मिलकर खाने का आनंद लेते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें नृत्य, संगीत और अन्य मनोरंजन के कार्यक्रम शामिल होते हैं।
हरि दीवाली मलेशिया में न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सांस्कृतिक विविधता और एकता का भी प्रतीक है। यहां के भारतीय समुदाय के लोग इसे अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाते हैं, जिससे यह त्योहार और भी खास बन जाता है।
थाईलैंड में दीवाली (क्रियोंध)
थाईलैंड में दीवाली को "क्रियोंध" के नाम से जाना जाता है, और यह विशेष रूप से भारतीय समुदाय के बीच मनाया जाता है। इस त्योहार का प्रमुख उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बनाना है।
दीपक बनाने की परंपरा: क्रियोंध के दिन लोग केले के पत्तों से दीपक बनाते हैं। ये दीपक न केवल सजावट के लिए होते हैं, बल्कि इन्हें नदी में प्रवाहित करने के लिए भी तैयार किया जाता है।
दीयों का प्रवाह: रात के समय, लोग इन बनाए गए दीपकों को नदी में प्रवाहित करते हैं, जिससे एक सुंदर दृश्य उत्पन्न होता है। यह दृश्य थाईलैंड की नदियों में रौशनी का पर्व जैसे लगता है।
सांस्कृतिक उत्सव: इस दिन लोग विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिसमें नृत्य, संगीत और स्थानीय परंपराएँ शामिल होती हैं।
खुशियों का आदान-प्रदान: परिवार और दोस्त एकत्र होते हैं, एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।
क्रियोंध थाईलैंड में एक विशेष पर्व है, जो न केवल भारतीय समुदाय को एकजुट करता है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी सम्मान करता है। इस तरह से, यह त्योहार आनंद और भाईचारे का प्रतीक बन जाता है।
श्रीलंका में दीवाली
श्रीलंका में दीवाली का त्योहार विशेष रूप से रामायण से जुड़ा हुआ है, और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां दीवाली को एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अवसर माना जाता है, जिसमें परिवार और समुदाय के लोग मिलकर जश्न मनाते हैं।
दीप जलाना: इस दिन, लोग अपने घरों में मिट्टी के दीपक जलाते हैं। ये दीपक न केवल घरों को रोशन करते हैं, बल्कि सकारात्मकता और शुभता का भी प्रतीक होते हैं।
मिठाइयों का आदान-प्रदान: परिवार और दोस्त एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बाँटते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। यह परंपरा भाईचारे और सामुदायिक संबंधों को बढ़ावा देती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: श्रीलंका में दीवाली के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं।
पूजा और अर्चना: लोग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और विशेष धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जिससे आध्यात्मिकता को बढ़ावा मिलता है।
दीवाली का त्योहार श्रीलंका में खुशी, एकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह अवसर न केवल भारतीय समुदाय के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव है।
जापान में दीवाली
जापान में दीवाली का त्योहार एक अनूठे और खूबसूरत अंदाज में मनाया जाता है। यहां इसे विशेष रूप से रोशनी और खुशी के उत्सव के रूप में देखा जाता है।
लालटेन और सजावट: दीवाली के दिन, लोग अपने बगीचों में पेड़ों पर रंगीन लालटेन और कागज से बने पर्दे लटकाते हैं। यह एक रंगीन और जीवंत दृश्य उत्पन्न करता है।
हवा में उड़ाना: शाम को, लोग इन लालटेन को आसमान में छोड़ते हैं। यह परंपरा सच्चाई और अच्छाई की विजय का प्रतीक मानी जाती है।
नृत्य और संगीत: दीवाली के अवसर पर जापान में नृत्य और संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग एकत्रित होकर गाना गाते हैं और नाचते हैं, जिससे सामूहिक आनंद का माहौल बनता है।
सामुदायिक उत्सव: विभिन्न समुदाय एक साथ मिलकर दीवाली का जश्न मनाते हैं, जिससे आपसी बंधन और मित्रता को बढ़ावा मिलता है।
अमेरिका में दीवाली
अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग दीवाली को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। यहां यह त्योहार सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक बन गया है।
मंदिरों में पूजा: दीवाली के दिन, भारतीय मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु यहां इकट्ठा होकर देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और अपने परिवारों के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं। ये कार्यक्रम भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ विविधता के प्रति सम्मान भी दर्शाते हैं।
रंगोली और सजावट: घरों और सार्वजनिक स्थानों पर रंगोली बनाई जाती है और दीयों से सजावट की जाती है। इससे वातावरण में उत्सव का माहौल बना रहता है।
भोजन का विशेष महत्व: दीवाली पर विशेष व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जिसमें मिठाइयाँ और भारतीय खास पकवान शामिल होते हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाकर इन्हें साझा करते हैं।
आर्थिक महत्व: कई व्यवसाय और दुकानदार भी इस अवसर का लाभ उठाते हैं, क्योंकि दीवाली के दौरान खरीदारी में वृद्धि होती है।
अमेरिका में दीवाली का त्योहार न केवल भारतीय समुदाय के लिए बल्कि अन्य समुदायों के लिए भी एक अनुभवात्मक और सांस्कृतिक उत्सव बन गया है, जो विभिन्नता को मनाने और एकजुटता को बढ़ावा देने का काम करता है।