World Mental Health Day 2024: मेंटल हेल्थ पर नींद की कमी का असर, जानिए एक्सपर्ट्स की राय…

World Mental Health Day 2024: मेंटल हेल्थ पर नींद की कमी का असर, जानिए एक्सपर्ट्स की राय…
Last Updated: 2 घंटा पहले

शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का स्वस्थ रहना भी बेहद जरूरी है। बदलती जीवनशैली और अन्य कारणों से मानसिक स्वास्थ्य काफी प्रभावित होता है। नींद की कमी उन प्रमुख कारणों में से एक है, जो कई मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, नींद की कमी से न केवल शारीरिक थकान बढ़ती है, बल्कि यह तनाव, चिंता, और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है। World Mental Health Day 2024 के अवसर पर, विशेषज्ञों ने नींद और मानसिक स्वास्थ्य के बीच के गहरे संबंधों पर जोर दिया है, जो एक स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली: शारीरिक सेहत की तरह मानसिक सेहत का भी स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता की कमी अभी भी बनी हुई है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो दुनियाभर में चिंता का विषय हैं। इस ओर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को World Mental Health Day मनाया जाता है।

जिस तरह से खानपान और नींद शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, उसी तरह मानसिक स्वास्थ्य भी इससे प्रभावित होता है। नींद का हमारी मानसिक सेहत पर गहरा असर पड़ता है। तुलसी हेल्थकेयर के सीईओ और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता ने इस बारे में विस्तार से बताया कि नींद की कमी से मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

नींद क्यों है मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी?

डॉक्टरों के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेना अत्यंत जरूरी है। जब हम सोते हैं, तो हमारा दिमाग यादों को स्टोर करने, भावनाओं को प्रोसेस करने और दिमाग को आराम देने का काम करता है। नींद की कमी या खराब गुणवत्ता से इन प्रक्रियाओं में बाधा आती है, जिससे चिड़चिड़ापन, भावनात्मक अस्थिरता और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कतें हो सकती हैं।

नींद और मानसिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध

डॉक्टर बताते हैं कि लगातार नींद की कमी से तनाव, चिंता और उदासी जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसका असर समस्या-समाधान और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं पर पड़ता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। नींद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं एक-दूसरे को बढ़ाने वाली एक दुष्चक्र बन सकती हैं, जिसमें एक की समस्या दूसरे को और गंभीर बनाती है।

पूरी नींद लेना क्यों है आवश्यक

लोगों को इमोशनली स्ट्रॉन्ग और मूड को नियंत्रित करने के लिए रोजाना सात से नौ घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। यह मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने, ब्रेन फंक्शनिंग को बढ़ाने, और रोज़ के तनाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करती है। इस प्रकार, मानसिक स्पष्टता बनाए रखने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना को कम करने के लिए पर्याप्त नींद लेना बेहद आवश्यक है।

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