कानपुर में अरौल हादसे के बाद (Deputy Commissioner of Police) डीसीपी ने शुक्रवार को स्कूलों को नोटिस जारी किया है. इसमें कानूनी निर्देशों का हर हाल में पालन करने के अलावा अन्य दिशा निर्देश दिए गए है. बताया कि प्रत्येक स्कूली वाहन में दो आग बुझाने के यंत्र चालक के केबिन और आपातकालीन निकास द्वार के पास होना चाहिए और बस के कर्मचारियों को उसे चलाने की ट्रेनिंग देनी चाहिए।
यातायात पुलिस ने बताया कि चालक, कंडक्टर व अटेंडेंट का चरित्र सत्यापन आवश्यक रूप से हो. वाहन चलाते समय चालक और परिचालक मोबाइल फोन और इयरफोन का प्रयोग न करें। कोई भी स्कूली वाहन अनाधिकृत रूप से एलपीजी किट का उपयोग न करे।
स्कूलों के लिए कानूनी निर्देश
यातायात पुलिस द्व्रारा स्कूलों को दिए गएआवश्यक दिशा निर्देश को subkuz.com न्यूज़ ने लिखा है जो है.....
* समुचित परमिट हो।
* स्कूली वाहन के आगे व पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा हो।
* क्षमता से ज्यादा बच्चे गाड़ी में न बैठें।
* स्कूली वाहन में फर्स्ट एड बाक्स और पीने योग्य पानी की सुविधा हो।
* प्रत्येक स्कूली वाहन पर स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का नाम, पता, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर और
मोबाइल नंबर लिखा हो।
* स्कूली वाहन पर परिवहन विभाग व पुलिस विभाग का हेल्पलाइन नंबर लिखा हो।
* स्कूली वाहन चलाने वाले चालक को न्यूनतम पांच वर्ष का वाहन चलाने का अनुभव हो।
बताया कि जिस चालक एक वर्ष में दो बार से अधिक लाल बाती के उल्लंघन, अनुचित पार्किंग, ओवरटेकिंग और किसी अनाधिकृत व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति देने के संबंध में चालान हुआ हो तथा ओवर स्पीड, नशे में वाहन चलाने और खतरनाक ढंग से वाहन चलाने के संबंध में मुकदमा पंजीकृत है, उस व्यक्ति को स्कूली वाहन चलाने की अनुमति न दी जाए। स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी कि वह थाना प्रभारी को वाहन चालक से संबंधित सारी सूचनाएं देगा।