Agra Politics News: गठबंधन से समाजवादी पार्टी को मिली ताकत-कांग्रेस को नया जीवनदान; बसपा की पकड़ हुई ढीली और भारतीय जनता पार्टी...?

Agra Politics News: गठबंधन से समाजवादी पार्टी को मिली ताकत-कांग्रेस को नया जीवनदान; बसपा की पकड़ हुई ढीली और भारतीय जनता पार्टी...?
Last Updated: 08 जून 2024

आगरा में कांग्रेस को अधिक लाभ मिला वहीं समाजवादी पार्टी को मजबूती प्राप्त हुई हैं। बहुजन समाज पार्टी की पकड़ पहले से कमजोर हो गई है। सपा-बसपा ने 2019 का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था।

आगरा: लोकसभा चुनाव में भगवा गढ़ में आगरा की दोनों सीटों आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत की पताका फहराने में सफल हासिल की। पिछले तीन लोकसभा चुनावों से गठबंधन के प्रत्याशी भाजपा को हरा नहीं पाए हैं। 2014 में कांग्रेस-रालोद, 2019 में सपा-बसपा-रालोद और 2024 में सपा-कांग्रेस गठबंधन केउम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि इतना फायदा जरूर मिला है कि पिछले दो चुनावों में आगरा सीट पर सपा-बसपा और फतेहपुर सीकरी सीट पर सपा-कांग्रेस गठबंधन का वोट प्रतिशत काफी ज्यादा बढ़ा हैं।

गठबंधन को मिला लाभ

आगरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस को अधिक लाभ हुआ है और समजवादी पार्टी मजबूत पार्टी बनकर उभरी। बहुजन समाज पार्टी की पकड़ इस बार कमजोर हुई है। सपा और बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिलकर लड़ा था। आगरा और फतेहपुर सीकरी सीट से दोनों ने एक-एक उम्मीदवार को मैदान में उतारा था। आगरा सीट से बसपा के मनोज कुमार सोनी को 38 प्रतिशत वोट मिले और फतेहपुर सीकरी सीट से बसपा के श्री भगवान राम शर्मा को 16.38 प्रतिशत मत की प्राप्ति हुई थी।

Subkuz.com ने बताया कि फतेहपुर सीकरी में कांग्रेस के हाथ ने साइकिल के साथ मिलकर कमाल कर के दिखाया। यहां कांग्रेस उम्मीदवार रामनाथ कुमार सिकरवार को 38.9 प्रतिशत मत मिले। यह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर को मिले 16.57 और सपा-बसपा के श्री भगवान राम शर्मा को मिले 16.18 मत प्रतिशत को जोड़ने के बाद भी दो गुना अधिक हैं। पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले से समाजवादी पार्टी आगरा में बहुत ज्यादा मजबूत हुई हैं।

कांग्रेस के सेठ अचल सिंह ने पांच बार मारी बाजी

जानकारी के मुताबिक आगरा लोकसभा सीट पर 90 के दशक से पूर्व कांग्रेस ने अपनी धाक जमा रखी थी। पहले पांच चुनावों 1951 से 1971 तक कांग्रेस के सेठ अचल सिंह ने जीत हासिल की थी। इमरजेंसी के बाद वर्ष 1977 में हुए चुनाव में शंभूनाथ चतुर्वेदी विजयी रहे। वर्ष 1980 और 1984 में कांग्रेस के निहाल सिंह ने बाजी मारी थी। इसके बाद कांग्रेस की जड़ें इस सीट से कमजोर पड़ गईं। 1989 में जनता दल के अजय कुमार सिंह ने जीत दर्ज की तो 1991, 1996, 1998 में भारतीय जनता पार्टी के भगवान शंकर रावत ने लगातार तीन बार जीत कर हैट ट्रिक बनाई। फतेहपुर सीकरी में वर्ष 2009 में बसपा की सीमा उपाध्याय, 2014 में भाजपा के बाबूलाल चौधरी और 2019 व 2024 में भाजपा के राजकुमार कुमार चाहर ने शानदार जीत हासिल की हैं।

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