अमेठी रायबरेली से नामांकन दाखिल करने की शुरुआत हो चुकी है लेकिन कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार के नाम की सार्वजनिक घोषणा भी नहीं की हैं। ऐसे में लग रहा है कि पार्टी वर्ष 1981 के उपचुनाव का इतिहास दोहराना चाहती हैं।
रायबरेली: अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम को लेकर सभी टक-टकी लगाए हुए हैं। हर दोनों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम को लेकर अलग-अलग चर्चाओं का दौर भी चलता रहता है। कांग्रेस द्वारा जल्द से जल्द प्रत्याशी के नाम की घोषणा होने की उम्मीद है। कांग्रेस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक Subkuz.com ने बताया कि अमेठी सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी राजनीति का सफर शुरू कर सकती है और राहुल गांधी एक बार फिर अपनी मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से नामांकन कर सकते हैं। जबकि कांग्रेसी लोग अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का दावा ठोक रहे हैं।
गांधी परिवार की चुप्पी का कांग्रेस पर क्या असर?
अमेठी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए कांग्रेस का योद्धा कौन सा होगा। सभी की दिलचस्पी केवक इस बात को जानने में हैं। अमेठी-रायबरेली सीट को लेकर गांधी परिवार की चुप्पी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की धड़कन को बढ़ा रही हैं. बताया कि साल 1952 में फिरोज कुमार गांधी रायबरेली और साल 1977 में संजय कुमार गांधी ने अमेठी से सीधे रिश्ता जोड़ा था, उसके बाद कई दशकों से यह दोनों ही सीटें गांधी और नेहरु परिवार का गढ़ बनी गई।
बताया कि अमेठी-रायबरेली में पहली बार कांग्रेस व गांधी परिवार के लिए उम्मीदवार को उतारने के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस का अमेठी-रायबरेली में बनाया गया रुतबा सब को मालूम है। शायद इसी लिए जिला कांग्रेस कमेटी से लेकर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीइसी) तक इस मामले को लेकर कुछ कहने से बचा जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस के राहुल गांधी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कुमार विश्वास ने अपनी ताल ठोक रखी थी। स्मृति ईरानी ने उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 3,01,748 मत दिलाकर अमेठी में एक नई छाप बनाई। इस चुनाव में राहुल गांधी को चार लाख से भी अधिक वोट प्राप्त हुए थे।
सूत्रों ने बताया कि स्मृति को चुनाव में हरने के बाद भी मोदी सरकार में मंत्री पद दिया गया तो स्मृति ने भी अमेठी से अपना संबंध मजबूत कर लिया। साल 2019 के चुनाव में कांग्रेस की चाल अमेठी में विपरीत पड़ गई और तीन बार लगातार जीतने वाले राहुल गांधी को भाजपा प्रत्याशी स्मृति ने 55,125 मतों से हराकर सांसद बन कर दिखाया। राहुल गांधी इसके बाद अमेठी से धीरे-धीरे दूरिया बनाते गए।
नामांकन के लिए तीन दिन शेष
अधिकारी ने बताया की लोकसभा चुनाव के लिए अमेठी सीट पर नामांकन के लिए आखरी तारीख के लिए मात्र तीन दिन ही बाकि हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और कांग्रेस प्रिय जनता की बेचैनी भी समय के साथ लगातार बढ़ने लगी है। कांग्रेस की तैयारियों पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं होने का भी गलत असर पड़ने लगा है। रामपुर खास से विधायक आराधना कुमार मिश्र मोना को अमेठी का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। अभी तक वह भी अमेठी नहीं पहुंची हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश कुमार पांडेय तीन मई को अमेठी क्षेत्र में आ रहे हैं।