न्यूजीलैंड के PM लक्सन ने नेतन्याहू को गाजा नीतियों के लिए कड़ी फटकार लगाई। ऑस्ट्रेलिया और अन्य पश्चिमी देश भी दबाव बढ़ा रहे हैं। हंगरी के PM ओर्बन ने यूक्रेन युद्ध पर विवादित बयान दिया, वैश्विक राजनीति प्रभावित।
Israel-New Zealand: न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गाजा नीतियों को लेकर कड़ी आलोचना की है। लक्सन ने कहा कि नेतन्याहू अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बात नहीं सुन रहे हैं और गाजा पर हो रहे हमलों की लगातार निंदा की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि नेतन्याहू पूरी तरह से रास्ता भटक चुके हैं और उनके द्वारा किए जा रहे हमले पूरी तरह अस्वीकार्य हैं।
गाजा पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव
गाजा युद्ध के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री पर कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं का दबाव बढ़ता जा रहा है। लक्सन ने कहा कि रोजाना हम यह देख रहे हैं कि किस तरह नागरिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला किया जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने इजरायल से अपील की कि युद्ध विराम और मानवीय राहत सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएं।
पश्चिमी नेताओं की आलोचना
लक्सन अकेले ऐसे पश्चिमी नेता नहीं हैं जिन्होंने नेतन्याहू की आलोचना की है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी गाजा में इजरायल की नीतियों पर आपत्ति जताई थी। यह स्पष्ट है कि गाजा पर हालात के कारण नेतन्याहू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
हंगरी के PM ने यूक्रेन को लेकर किया विवादित बयान
वहीं, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में जीत हासिल कर ली है और अब पश्चिमी देशों को यह मानना होगा कि यूक्रेन इस युद्ध में हार चुका है। ओर्बन ने यह भी कहा कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल करने से हंगरी के किसानों और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।
ओर्बन के रूस के साथ संबंध
ओर्बन 2010 से हंगरी में सत्ता में हैं और यूरोपीय नेताओं द्वारा रूस के साथ उनके मजबूत संबंधों और यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के विरोध के लिए उनकी आलोचना की जाती रही है। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं। हंगरी अपनी ज्यादातर ऊर्जा रूस से प्राप्त करता है और यूक्रेन को हथियार भेजने से इनकार कर चुका है।