विदेश मंत्री जयशंकर ने कहां कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के दौरान दोनों देशो के संबंधों पर चर्चा करने का एक शानदार अवसर प्राप्त होगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 8-9 जुलाई को मॉस्को जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी जी की रूस यात्रा से पहले विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर ने कहां कि दोनों देशों के बीच पिछले दस साल से आर्थिक संबंधों में काफी जबरदस्त सुधार हुआ है। दोनों देशों में सबसे बड़ा बदलाव यह देखा गया कि रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंध काफी मजबूत हो गए हैं। बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक-दूसरे के साथ बैठकर में आर्थिक सुधार पर चर्चा करेंगे।
रूस के साथ भारत के आर्थिक संबंध हुए मजबूत - विदेश मंत्री
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहां कि "बैठक के दौरान किसी भी देश के साथ बात करने का एक आसान तरीका है। देश में सबसे बड़ा बदलाव यह रहा है कि रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंध समय के सतह काफी मजबूत हो गए हैं। बता दें नेतृत्व के स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के लिए एक-दूसरे के साथ बैठकर में सीधे बात करने का एक बहुत बड़ा अवसर होगा।" जयशंकर ने कहां कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलग-अलग व्यस्तताओं के कारण वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन करने में थोड़ी देरी हुई हैं।
भारत-रूस के संबंधो का मजबूत इतिहास
Subkuz.com की जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्री ने जयशंकर ने कहां, "शिखर सम्मेलन में दोनों देशो के बीच थोड़ी अनबन जरूर हुई थे, लेकिन इन दो देश का एक साथ काम करने का बहुत मजबूत इतिहास रहा है। वार्षिक शिखर सम्मेलन की जरूरत को बहुत महत्व देते हैं। उन्होंने कहां पीछले साल जब मैं मॉस्को दौरे पर गया था, मेने प्रधानमंत्री का संदेश सुनाया कि वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए देश प्रतिबद्ध हैं और हम इसे जल्द से जल्द करेंगे। क्योकि यह एक नियमित और दोनों देशों के बीच बात करने की प्रक्रिया हैं।"
उन्होंने कहां कि दोनों देशों का एक साथ काम करने का अबतक एक स्थिर और मजबूत इतिहास रहा है। "हम दुनिया भर में हो रही घटनाओं को देखकर और किसी स्थिति में कोई सुधार करने को लेकर दोनों देश मिलते हैं और चर्चा करते हैं। यह बैठक कुछ ऐसी थी, जिसका होना लगभग तय था। लेकिन किसी कारणवश बैठक के होने में देरी हो रही हैं।