टीवी की मशहूर एक्ट्रेस रुबीना दिलैक ने हाल ही में अपने करियर और निजी जीवन को लेकर कुछ खुलासे किए हैं। रुबीना ने बताया कि जुड़वा बेटियों की मां बनने के बाद से उन्हें ज्यादातर भाभी के रोल ऑफर किए जा रहे हैं, जिससे वह टाइपकास्ट होने का अनुभव कर रही हैं। उन्होंने मदरहुड और इसके बाद उनके करियर में आए बदलावों के बारे में भी खुलकर बात की।
एंटरटेनमेंट डेस्क: रुबीना दिलैक का पॉडकास्ट 'किसी को बताया नहीं' सीजन 3 हाल ही में काफी चर्चा में है, खासतौर पर उनके लेटेस्ट एपिसोड के बाद जिसमें अभिनेता शरद केलकर गेस्ट के तौर पर नजर आए। इस एपिसोड में रुबीना ने इंडस्ट्री में टाइपकास्टिंग के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने मदरहुड के बाद मिलने वाले किरदारों पर बात की और शरद से सवाल किया कि क्या पुरुष अभिनेताओं को पिता बनने के बाद भी इसी तरह से टाइपकास्ट किया जाता हैं।
रुबीना ने अपनी बात रखते हुए बताया कि मां बनने के बाद उन्हें ज्यादातर 'भाभी' के किरदार ऑफर किए जाने लगे हैं, जिससे उन्होंने महसूस किया कि महिला अभिनेत्रियों के लिए इंडस्ट्री में एक विशेष छवि बना दी जाती है। उनकी इस टिप्पणी ने मनोरंजन जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय रहा हैं।
शरद केलकर ने भी इस बातचीत में अपनी राय दी और बताया कि पुरुष अभिनेताओं के साथ ऐसा नहीं होता है। इस पॉडकास्ट ने इंडस्ट्री में कलाकारों के साथ होने वाली असमानताओं और प्रचलित धारणाओं पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया हैं।
रुबीना दिलैक महत्वपूर्ण मुद्दे पर खुलकर की बात
रुबीना दिलैक ने अपने पॉडकास्ट 'किसी को बताया नहीं' में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर खुलकर बात की, जहां उन्होंने बताया कि कैसे महिलाएं, खासकर अभिनेत्री, शादी और मदरहुड के बाद टाइपकास्ट हो जाती हैं। उन्होंने इस बात को साझा किया कि जब महिलाएं मदरहुड को अपनाने के लिए ब्रेक लेती हैं, तो उनके शरीर में परिवर्तन होते हैं, और यह तथ्य स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इस वजह से, इंडस्ट्री में उन्हें अक्सर 'भाभी' या पारंपरिक किरदारों में ही ढालने का प्रयास किया जाता है। शरद केलकर, जो इस एपिसोड में गेस्ट थे, ने भी इस विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि समय के साथ काफी बदलाव आया है और पहले के समय में पुरुष अभिनेताओं को शायद ही कभी टाइपकास्ट किया जाता था।
शरद ने बताया कि आज भी पुरुष कलाकारों के साथ ऐसा कम ही होता है, जबकि महिलाओं को अपनी छवि के साथ संघर्ष करना पड़ता है। रुबीना ने इस अंतर को लेकर चिंता जाहिर की और इस पर जोर दिया कि महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से भले ही बदल जाएं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि उनकी अभिनय क्षमता को सीमित कर दिया जाए।
मां बनने के बाद रुबीना को मिल रहा मां-भाभी का रोल
शरद केलकर ने रुबीना दिलैक के पॉडकास्ट 'किसी को बताया नहीं' में इस बात पर चर्चा की कि आज के दौर में एक्ट्रेस और एक्टर, माता-पिता बनने के बाद भी अपनी बॉडी शेप पर ध्यान दे रहे हैं और इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने करीना कपूर खान और रुबीना दिलैक का उदाहरण दिया, जो मां बनने के बाद भी अपने परफेक्ट बॉडी शेप में लौट आईं। हालांकि, रुबीना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए साझा किया कि उन्हें अब भी ज्यादातर 'भाभी' जैसे किरदारों के ही ऑफर मिलते हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन अब भी मुझसे भाभी किस्म के किरदार निभाने के लिए कहा जाता हैं।"
शरद ने इस विषय पर आगे समझाते हुए कहा कि यह इंडस्ट्री का एक क्रूर सत्य है कि मुख्य भूमिकाओं में पुरुष अभिनेताओं की "शेल्फ लाइफ" महिला अभिनेताओं से अधिक होती है। उन्होंने यह भी माना कि इंडस्ट्री में यह भेदभाव अब भी जारी है, जहां महिलाओं को शादी या मां बनने के बाद मुख्य भूमिकाओं से बाहर कर दिया जाता है, जबकि पुरुष कलाकारों के करियर पर इसका उतना असर नहीं पड़ता हैं।