उत्तराखंड के चंपावत जिले में हालिया भारी बारिश ने जनजीवन को काफी प्रभावित किया है। बनबसा में 119.0 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। भूस्खलन की वजह से टनकपुर-घाट एनएच पर आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। इसके अलावा, शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण बैराज पुल पर चार पहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई हैं।
चंपावत: उत्तराखंड में बुधवार देर शाम से शुरू हुई वर्षा का सिलसिला गुरुवार शाम तक जारी रहा, जिससे चंपावत जिले के अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। विशेषकर, बनबसा में 119.0 मिमी की अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे अगस्त मध्य के बाद से जनजीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। स्वाला, संतोला, और च्यूरानी जैसी जगहों पर भारी भूस्खलन के कारण टनकपुर-घाट एनएच पर गुरुवार दोपहर बाद तक आवाजाही पूरी तरह से ठप रही। भूस्खलन के चलते एक राष्ट्रीय राजमार्ग, तीन राज्य मार्गों सहित कुल 14 सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई है, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सड़कें बंद होने की वजह से लोग रास्ते में फंस गए।
भूस्खलन व पहाड़ी दरकने की घटना
बता दें बुधवार रात को चंपावत जिले में लगातार रिमझिम वर्षा जारी रही, जिसके परिणामस्वरूप भूस्खलन और पहाड़ी दरकने की घटनाएं सामने आईं। टनकपुर-घाट एनएच पर संतोला के पास तड़के भूस्खलन हो गया, जिससे एनएच सुबह 6:30 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक बंद रहा। च्युरानी के पास भी भूस्खलन की वजह से एनएच सुबह 8:20 बजे से 10:45 बजे तक बंद रहा। स्वाला में बोल्डर और मलबा गिरने का सिलसिला दिनभर जारी रहा। सुबह 7:00 बजे बंद एनएच को 8:24 बजे खोल दिया गया।
स्वाला के पास 9:18 बजे एनएच बंद हुआ, जिसे 10:50 बजे खोला जा सका। हालांकि, अपराह्न 2:02 बजे स्वाला के पास फिर से मलबा आ गया, जिसके बाद आवागमन पौने तीन बजे शुरू हो पाया। वर्षा जारी रहने के कारण सड़कों को खोलने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, और राहत कार्यों को भी बाधाएं आ रही हैं। प्रशासन और राहत दल लगातार प्रयासरत हैं ताकि यातायात को सुचारू किया जा सके और प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाई जा सके।
तेज बारिश से बढ़ा शारदा का जलस्तर
बीते 24 घंटे की लगातार वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। गुरुवार सुबह शारदा नदी में पानी का बहाव 67 हजार क्यूसेक था, जबकि बैराज से 54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। अपराह्न दो बजे के बाद नदी में पानी का बहाव 80 हजार क्यूसेक से अधिक हो गया, और स्थिति को देखते हुए शारदा नदी के जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। शारदा नदी में पानी एक लाख क्यूसेक पार होने पर भारत-नेपाल को जोड़ने वाले बैराज पुल पर चार पहिया वाहनों की आवाजाही रोक दी गई हैं।
सिंचाई विभाग के एसडीओ प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि शारदा नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है। वर्षा की वजह से बनबसा धर्मशाला मार्ग और टनकपुर में निर्माणाधीन आइएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) के साथ-साथ पीलीभीत चुंगी क्षेत्र में भी जलभराव हो गया है, जिससे यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा हैं।
24 घंटे के दौरान इतनी हुई वर्षा (मिमी में)
* बनबसा - 119.0
* टनकपुर - 111.0
* देवीधुरा - 101.0
* चंपावत - 95.0
* पाटी - 94.0
* चल्थी - 87.0
* लोहाघाट - 75.8
* पंचेश्वर - 59.5
मलबा आने से पूर्णागिरि मार्ग पूरी तरह बंद
पूर्णागिरि धाम को जाने वाली सड़क, बाटनागाड़, पर मलबा आने की वजह से बंद हो गई है। बरसाती नाले के साथ आए बोल्डर और मलबा राज्य मार्ग पर फैल गए हैं, जिसके कारण सड़क बुधवार रात से बंद है और गुरुवार अपराह्न तक इसे नहीं खोला जा सका था। किरोड़ा नाला आने के कारण सीमांत चूका क्षेत्र जाने वाले ग्रामीणों की राह भी रुकी हुई है। सुरक्षा को देखते हुए यातायात पुलिस ने यात्रियों को ककराली गेट पर ही रोक दिया है। इससे पहले, एक माह पहले खटीमा के यात्रियों को ले जा रही एक टैक्सी किरोड़ा नाले में बह गई थी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई थी। तब से पुलिस सतर्कता बरत रही है और यात्रियों को सुरक्षित मार्ग पर ले जाने के लिए प्रयास कर रही हैं।
इसके अलावा, मंच-तामली, देवीधुरा-लोहाघाट-पंचेश्वर राज्य मार्ग भी बंद हो गया है, जिससे आवाजाही ठप हो गई है। कुल मिलाकर 10 ग्रामीण सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने में एक से दो दिन का समय लग सकता है। प्रशासन और राहत दल बंद सड़कों को खोलने के लिए काम कर रहे हैं और प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।