Do Patti: कृति ने किया था शहीर शेख को कास्ट, ट्रोल के दोरान एक्ट्रेस ने बताई सच्चाई

Do Patti: कृति ने किया था शहीर शेख को कास्ट, ट्रोल के दोरान एक्ट्रेस ने बताई सच्चाई
Last Updated: 2 दिन पहले

फिल्म हीरोपंती के साथ बॉलीवुड में प्रवेश करने वाली कृति सेनन ने कम समय में एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। 10 साल के बाद, अब वह अपनी नई पारी के तहत फिल्म दो पत्ती को निर्माता के रूप में पेश करने जा रही हैं। हाल ही में कृति सेनन ने यह बताया कि उन्होंने टीवी अभिनेता शहीर शेख का इस फिल्म के लिए ऑडिशन क्यों लिया था।

New Delhi:  फिल्म 'मिमी' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली अभिनेत्री कृति सेनन अब फिल्म 'दो पत्ती' के साथ निर्माता के रूप में भी पहचान बना रही हैं। इस फिल्म में वह पहली बार डबल रोल में दिखेंगी। खास बात यह है कि फिल्म की लेखिका और सह-निर्माता कनिका ढिल्लन भी दोहरी भूमिका में नजर आएंगी। कृति और कनिका ने अपनी इस फिल्म के बारे में दैनिक जागरण के साथ एक खास बातचीत की।

कृति से पूछे सवाल

कृति: ईमानदारी से कहूं तो, समान अवसरों का निर्माण करना और ऐसी कहानियाँ प्रस्तुत करना, जिनमें कोई महत्वपूर्ण संदेश हो, बेहद आवश्यक है। यह केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि उस क्रू के लिए भी आवश्यक है जिसके साथ आप काम कर रहे हैं, ताकि वहां भी एक संतुलन स्थापित किया जा सके।

हम इसी दिशा में प्रयासरत हैं। हालाँकि, इस संतुलन को स्थापित करने में थोड़ा समय लगेगा क्योंकि स्थिति काफी बिगड़ी हुई है। मुझे लगता है कि इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

लड़कियों के किरदार हैं महत्वपूर्ण - कनिका

कनिका: मेरा मानना है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लड़कियां अब लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं और कैमरे के पीछे उनकी संख्या भी बढ़ रही है। केवल रोमांटिक त्रिकोणीय संबंधों तक ही सीमित नहीं, बल्कि कैमरे के सामने भी लड़कियों के किरदार महत्वपूर्ण हो रहे हैं।

एक महिला का किरदार बहुत कुछ बयाँ करता है। सिनेमा में ये चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कहानियों की पहुंच इतनी व्यापक है कि वे हमारे समाज और मानसिकता पर गहरा असर डाल सकती हैं। यह सचमुच प्रशंसनीय है कि महिलाओं के सशक्त किरदार सामने आ रहे हैं, जिससे छोटे शहरों में भी परिवार समझने लगे हैं कि लड़कियां बहुत कुछ कर सकती हैं।

एक वो आदर्श लड़की- कृति 

कनिका: मैं एक और बात कहना चाहूंगी कि यह आदर्श नारी की छवि भी हमने सिनेमा से ही ग्रहण की है। आमतौर पर, पुरुषों के दृष्टिकोण से सिनेमा में आदर्श मां, पत्नी और बहन को त्याग की मूर्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अब उस त्याग की धारणा को छोड़ दो, और उन्हें बराबरी का हक दो। ऐसी कहानियां सुनाओ, जिनमें त्याग न हो, जिनमें उम्मीद, साहस और समानता हो।

निर्माता बनने का अनुभव

कृति: मेरा अनुभव अत्यंत सुखद रहा। मेरी हमेशा से ख्वाहिश थी कि मैं एक कलाकार के रूप में रचनात्मक प्रक्रियाओं का हिस्सा बनूं। कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो आपके दिल को गहराई से छू लेती हैं, और आप उनके हर पहलू से जुड़ना चाहते हैं।

इस फिल्म के साथ, मैं रचनात्मक रूप से बहुत संतुष्ट महसूस कर रही हूं। यह मेरे लिए एक ऐसा बच्चा है जिसे मैंने उसके जन्म के पहले दिन से बड़े होते हुए देखा है। मेरा मतलब है कि एक साधारण विचार से शुरू होकर, वह कैसे स्क्रिप्ट में बदल गया, और फिर हमने इसकी शूटिंग कैसे शुरू कीइन सभी चीजों से जुड़ना वास्तव में संतोषजनक था।

शहीर शेख का ऑडिशन कृति ने लिया

कृति: हर कोई ऐसा नहीं करता, लेकिन कई लोग ऑडिशन लेते हैं। ‘राबता फिल्म में, जब मैं प्रोड्यूसर नहीं थी, तब जिम सरभ के किरदार के लिए मैंने काफी लोगों का ऑडिशन लिया था, क्योंकि उनकी केमिस्ट्री मेरे पात्र के साथ महत्वपूर्ण थी।

मैंने यह देखने के लिए उनके साथ ऑडिशन किया था कि क्या हमारी केमिस्ट्री मेल खाती है या नहीं। इससे पहले कि लोग इसके बारे में कुछ सोचें, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, क्योंकि आपको दोनों कलाकारों को एक साथ देखना जरूरी है।

वास्तव में, ऑडिशन मुकेश छाबड़ा ले रहे थे। **कनिका:** कभी-कभी जब आप अकेले किसी पात्र को देखते हैं, तो लगता है कि वह अच्छा कलाकार है, लेकिन जब दो पात्र साथ आते हैं, तो उनकी ऊर्जा बदल जाती है। कास्टिंग एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। हॉलीवुड में यह प्रक्रिया बहुत प्रचलित है।

कृति ने निभाई डबल रोल की भूमिका

कृति: जी, मुझे बॉडी डबल के साथ काम करना पड़ा क्योंकि उस सीन में किसी और की पीठ दिखाई देनी थी। कई सीन में दोनों बहनें एक साथ हैं, इसलिए जब आप प्रतिक्रिया देते हैं और एक बहन का फ्रंट शॉट होता है जबकि आपकी पीठ होती है, तो किसी और के साथ काम करना जरूरी था।

फिर जल्दी से बदलाव करके दूसरी बहन का किरदार निभाना पड़ता था। यह चुनौतीपूर्ण तो था, लेकिन बेहद रोमांचक भी था। दोनों बहनों का व्यक्तित्व काफी अलग है। वे जिस तरह से चीजों पर प्रतिक्रिया देती हैं, वह भी काफी भिन्न है। मुझे नहीं पता कि दर्शक इसे किस हद तक अनुभव कर पाएंगे या नहीं, लेकिन मैंने पूरी कोशिश की कि मेरी आवाज थोड़ा अलग सुनाई दे।

Leave a comment