Political Movies Controversy: राजनीतिक फिल्मों का विवाद, 'Emergency' से पहले भी कई फिल्मों पर राजनेताओं ने जताई थी आपत्ति, जानें क्या थी वजह?

Political Movies Controversy: राजनीतिक फिल्मों का विवाद, 'Emergency' से पहले भी कई फिल्मों पर राजनेताओं ने जताई थी आपत्ति, जानें क्या थी वजह?
Last Updated: 05 सितंबर 2024

वर्तमान समय में कंगना रनौत की आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर एक नया विवाद उभरा है। आपातकाल के काले अध्याय पर आधारित इस फिल्म ने सेंसर बोर्ड के समक्ष मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, जिसके कारण इसकी रिलीज की तारीख को टाल दिया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'इमरजेंसी' से पहले भी कई राजनीतिक ड्रामा फिल्मों पर राजनेताओं ने आपत्ति जताई है?

New Delhi: राजनीति और सिनेमा दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हाई-वोल्टेज ड्रामे की पूरी संभावना रहती है। पॉलिटिकल विषय पर फिल्में बनाना इंडस्ट्री में एक पुरानी परंपरा है। इस क्रम में अब कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म 'इमरजेंसी' का नाम जुड़ गया है। लेकिन भारी विवाद के कारण यह मूवी रिलीज से पहले ही टाल दी गई है।

हालांकि, कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' (Emergency) पहली फिल्म नहीं है, जो राजनीतिक हलचलों के कारण रोकी गई है। इससे पहले भी हिंदी सिनेमा में कई ऐसी फिल्में रही हैं, जो राजनीति के कारण प्रभावित हुईं और जिनका राजनेताओं ने विरोध किया।

'Kissa Kursi Ka'

शबाना आजमी, राज बब्बर और सुरेखा सीकरी जैसे मशहूर कलाकारों से सजी फिल्म "किस्सा कुर्सी का" एक विवादित राजनीतिक ड्रामा साबित हुई। यह फिल्म 1974 में निर्देशक अमृत नहाटा के निर्देशन में तैयार की गई थी, लेकिन 1975 में आपातकाल लागू होने के कारण इसकी रिलीज को टाल दिया गया।

आपातकाल के दौरान, तत्कालीन सरकार ने इस फिल्म को देखा और इसमें बदलाव करने की मांग की। इसके साथ ही, इसके प्रिंट को जब्त कर लिया गया। अंततः, 1978 में "किस्सा कुर्सी का" को रिलीज किया गया, लेकिन इस फिल्म ने राजनीतिक व्यंग के रूप में खूब चर्चा बटोरी।

Aandhi

आपातकाल के समय संजीव कुमार और सुचित्रा सेन की फिल्म 'आंधी' भी रिलीज के लिए तैयार थी। लेकिन इस फिल्म के निर्देशक गुलजार पर आरोप लगे कि उन्होंने फिल्म में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पति के संबंध को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। हालांकि, 1977 में जब इंदिरा गांधी की सरकार गिरी, तब जाकर 'आंधी' की रिलीज के लिए रास्ता साफ हुआ।

Black Friday

गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी कई बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन करने वाले अनुराग कश्यप ने 'ब्लैक फ्राइडे' नामक एक फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में 1993 में मुंबई में हुए आत्मघाती बम धमाकों की कहानी को चित्रित किया गया था। इसकी रिलीज को लेकर काफी विवाद हुआ, और 2004 में मुंबई हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके बाद, 2007 में जाकर यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो पाई।

Firaaq

साल 2002 में गुजरात दंगों की कहानी को कई फिल्मों में दर्शाया गया है। लेकिन नंदिता दास की अभिनीत फिल्म "फिराक" ने इस मुद्दे पर विशेष चर्चा बटोरी। कई संगठनों के विरोध के कारण, साल 2008 में सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म पर रोक लगा दी थी। इसके बाद, 2009 में "फिराक" को बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया। नंदिता के अलावा, अभिनेता परेश रावल और नसीरुद्दीन शाह भी इस फिल्म का महत्वपूर्ण हिस्सा थे।

Indu Sarkar

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' से पहले, निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' 1975 के आपातकाल की कहानी को बड़े पर्दे पर प्रस्तुत कर चुकी है। इस फिल्म ने राजनीतिक माहौल में काफी हलचल मचाई, और कांग्रेस पार्टी ने इसका तीखा विरोध किया। इसके बावजूद, 'इंदु सरकार' की रिलीज की तारीख में कोई बदलाव नहीं किया गया, और इसे 2017 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया।-

Padmaavat

निर्देशक संजय लीला भंसाली की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज के समय काफी बवाल हुआ था। करणी सेना ने इस फिल्म का बड़े पैमाने पर विरोध किया था। बढ़ते हुए विवाद को ध्यान में रखते हुए अदालत ने इस फिल्म की रिलीज को लगभग एक महीने के लिए स्थगित कर दिया था। 1 दिसंबर 2017 के बाद, यह फिल्म 25 जनवरी 2018 को रिलीज की गई थी। फिल्म के शीर्षक के साथ-साथ कुछ दृश्य भी बदले गए थे।

‘Emergency' की रिलीज डेट पोस्टपोन

6 सितंबर को कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को बड़े पर्दे पर रिलीज किया जाना था। लेकिन इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिली और सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने इमरजेंसी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। उन पर आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। फिलहाल, 'इमरजेंसी' की रिलीज तिथि को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।

 

 

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