अयोध्या सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग पीड़िता के भ्रूण में अभियुक्त सपा नेता मोईद खान के कर्मचारी राजू खान का डीएनए पाया गया है। यह डीएनए रिपोर्ट सोमवार को लखनऊ खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है।
Ayodhya Case: अयोध्या सामूहिक दुष्कर्म मामले में, नाबालिग पीड़िता के भ्रूण में अभियुक्त समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान के नौकर राजू खान का डीएनए पाया गया है। सोमवार को उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा यह डीएनए रिपोर्ट पेश की गई।
हालांकि, सोमवार को मामले की सुनवाई नहीं हो सकी, और न्यायालय ने अगली सुनवाई की तिथि तीन अक्टूबर निर्धारित की है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने अभियुक्त मोईद खान की जमानत याचिका पर पारित किया।
कोर्ट में आरोपितों की डीएनए रिपोर्ट की पेश
पिछली सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसके अनुसार, भदरसा सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपितों की डीएनए रिपोर्ट अब न्यायालय में पेश कर दी गई है। इस मामले में चार्जशीट पहले ही स्थानीय न्यायालय में प्रस्तुत की जा चुकी है।
8 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
आगामी आठ अक्टूबर को आरोपितों के खिलाफ आरोप स्थापित किए जाएंगे, और इस मामले की सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। आरोपितों की जमानत याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन है। दोनों अभियुक्त मंडल कारागार में निरुद्ध हैं, और उनकी जमानत याचिका पहले ही स्थानीय न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है। पिछली सुनवाई के दौरान अभियुक्त मोईद खान ने यह दलील दी कि वह 71 वर्ष के वृद्ध व्यक्ति हैं और इस मामले में उन्हें राजनीतिक कारणों से झूठा फंसाया गया है।
क्या है मामला?
राज्य सरकार का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि पीड़िता एक नाबालिग है, जिसके साथ दुराचार का आरोप अभियुक्त और उसके सहायक पर लगाया गया है। दुष्कर्म के परिणामस्वरूप पीड़िता गर्भवती हो गई थी, और गर्भपात के बाद उसके डीएनए परीक्षण के लिए सैंपल भेजा गया।
आरोप है कि मोईद खान और राजू खान ने किशोरी के साथ लंबे समय तक सामूहिक दुष्कर्म किया। यह मामला तब सामने आया जब किशोरी गर्भवती हुई। दोनों आरोपियों के खिलाफ 29 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में शिकायत वापस लेने के लिए जान-माल की धमकी देकर दबाव बनाया गया था।
सीएम योगी ने मामले पर लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया और पीड़ित परिवार से मिलकर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस मामले में अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करके बनाई गई सपा नेता की बेकरी और व्यावसायिक परिसर को ध्वस्त कर दिया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।