अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। चुनाव में उनकी बढ़त ने दर्शाया कि 2022 के आर्थिक संकट के दौरान उनकी लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ। अनुरा ने अपने जोशीले भाषणों और नीतिगत वादों के माध्यम से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। जानें कौन हियँ जिन्होंने गरीबों के हितों का किया वादा।
Sri Lankan: मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, उन्हें चुनाव में बंपर बढ़त मिली है। इस चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को करारी हार का सामना करना पड़ा, और वह केवल 16 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। अनुरा की जीत से श्रीलंका में नई राजनीतिक दिशा का संकेत मिल रहा है, खासकर आर्थिक संकट के समय में।
श्रीलंका की जनता के लिए 'मसीहा'- अनुरा कुमारा
आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलंका की जनता अनुरा कुमारा दिसानायके को 'मसीहा' के तौर पर देख रही है। अनुरा ने गरीबों के हित में नीतियां बनाने और टैक्स में राहत देने का वादा किया है। इस चुनाव में कुल 75 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जो उनकी लोकप्रियता और जनता की उम्मीदों को दर्शाता है। उनके नेतृत्व में श्रीलंका को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
कौन हैं भावी राष्ट्रपति अनुरा?
अनुरा कुमारा दिसानायके का जन्म 24 नवंबर 1968 को श्रीलंका के अनुराधापुरा जिले के थंबूथेगामा गांव में हुआ। वह जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) नामक राजनीतिक पार्टी के सदस्य हैं, जिसके साथ उन्होंने छात्र जीवन में जुड़ना शुरू किया और 1987 में पार्टी की पूर्णकालिक सदस्यता ली। अनुरा के पिता एक मजदूर थे, और उन्होंने 2000 में पहली बार संसद के सदस्य के रूप में कदम रखा। उनकी राजनीतिक यात्रा ने उन्हें श्रीलंका में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया है।
'एकेडी' के नाम से जाना जाता है अनुरा को
अनुरा कुमारा दिसानायके मार्क्सवादी और लेनिनवादी नेता हैं, और उन्हें श्रीलंका में एकेडी के नाम से भी जाना जाता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुखर आवाज और जोशीले भाषणों ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रियता दिलाई। 2022 में देश के गंभीर आर्थिक संकट के दौरान, अनुरा की नीतियों और विचारों ने उन्हें विशेष रूप से उभारा, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत हुई। उनके प्रयासों ने उन्हें "मसीहा" की छवि प्रदान की, खासकर गरीबों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण।
क्यों बताये जा रहें हैं चीन के करीबी?
अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के चीन के साथ संबंधों को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, खासकर उनकी मार्क्सवादी विचारधारा को देखते हुए। ऐसा माना जाता है कि मार्क्सवादी विचारधारा वाले दलों का चीन की ओर झुकाव स्वाभाविक होता है। मिली रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि JVP का चीन के साथ निकट संबंध है, और इस बात की अटकलें भी हैं कि पार्टी को चीन से फंडिंग मिली है।
हालांकि, उनके गठबंधन नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के एक वरिष्ठ नेता, प्रोफेसर अनिल जयंता ने स्पष्ट रूप से इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि उनका गठबंधन भारत के साथ काम करने में विश्वास रखता है। उनका मानना है कि भारत एक महाशक्ति है, और इसके साथ संबंध बनाए रखना श्रीलंका के लिए महत्वपूर्ण है।