अपराजिता सम्मान’ समारोह; महिला सशक्तिकरण की नई इबारत, मल्लिका नड्डा ने कहा- ‘नारी शक्ति से ही समृद्ध राष्ट्र’

अपराजिता सम्मान’ समारोह; महिला सशक्तिकरण की नई इबारत, मल्लिका नड्डा ने कहा- ‘नारी शक्ति से ही समृद्ध राष्ट्र’
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किसान ट्रस्ट द्वारा आयोजित पहले ‘अपराजिता सम्मान’ समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। 

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किसान ट्रस्ट ने महिलाओं के सशक्तिकरण, प्रगति और प्रत्यास्थता का जश्न मनाने के लिए पहले अपराजिता सम्मान समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम उन महिलाओं के कल्याण और लिंग समानता के प्रति ट्रस्ट की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष और एशिया पेसिफिक एडवाइजरी काउंसिल की चेयरपर्सन डॉ. मल्लिका नड्डा के स्वागत से हुई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पत्नी डॉ. मल्लिका नड्डा ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

महिला सशक्तिकरण: समाज की अनिवार्य आवश्यकता

समारोह में डॉ. मल्लिका नड्डा ने महिला सशक्तिकरण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "देश की तरक्की के लिए महिलाओं को समान अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो समाज खुद-ब-खुद सशक्त हो जाता है।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई महिला-हितैषी योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही  हैं।

एसिड अटैक सर्वाइवर्स को मिला संबल

इस समारोह की खास बात एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए विशेष सत्र था, जिसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता साहिरा सिंह ने किया। इस सत्र में उन बहादुर महिलाओं की कहानियां साझा की गईं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और अपने जीवन को नए सिरे से संवारा। किसान ट्रस्ट की ओर से इन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की गई, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

महिला स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता पर विशेष चर्चा

1. महिला स्वास्थ्य एवं कल्याण

इस चर्चा में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, मासिक धर्म से जुड़े मिथकों, हॉर्मोनल संतुलन और पोषण पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। पैनल में वर्ल्ड बैंक की दीपिका आनंद, डॉ. शेहला जमाल, सेलियाक सोसाइटी ऑफ इंडिया की इशी खोसला और बंसिधर फाउंडेशन की शेफालिका पांडा शामिल रहीं।

2. डिजिटल समावेशन और आर्थिक सशक्तिकरण

इस सत्र में महिलाओं की वित्तीय और डिजिटल साक्षरता पर चर्चा हुई। अर्चना व्यास (गेट्स फाउंडेशन), डॉ. उमंग माथुर और सान्या सेठ (यूएन वुमन) ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तकनीक और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।

‘एक नई शुरुआत’ की शपथ

कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने ‘एक नई शुरुआत’ की शपथ ली, जिसमें महिलाओं के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई गई। इस समारोह में दिल्ली, मेरठ, बागपत, मथुरा, गाजियाबाद और मुजफ्फरपुर समेत कई अन्य शहरों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अपराजिता सम्मान समारोह ने यह साबित कर दिया कि जब महिलाएं संगठित होकर आगे बढ़ती हैं, तो वे न केवल अपने जीवन को संवारती हैं बल्कि समाज में भी बदलाव की एक नई लहर पैदा करती हैं।

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