दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwa) शुक्रवार (16 August) को 56 वर्ष के हो गए है। इस समय वह आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में हैं। आइए अरविंद केजरीवाल के व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानते है।
New Delh: दिल्ली के मुख्यमंत्री (Arvind Kejriwa) इस साल अपने 56वें जन्मदिन को जेल में मनाने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने राजनीति में कदम अन्ना हजारे के आंदोलन के माध्यम से रखा था। केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी के संस्थापक और नेता हैं, ने जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में अन्ना के साथ मिलकर देशभर में आंदोलन चलाया। अब, उनके जन्मदिन को इस तरह मनाना एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो उनके राजनीतिक सफर और संघर्ष की कहानी को दर्शाता है।
इनकम टैक्स अफसर के पद पर किया काम
बताया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल बचपन से ही पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे हैं। यही वजह है कि, उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से डिग्री हासिल की और बाद में इनकम टैक्स अफसर के पद पर काम किया। कुछ समय बाद, उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में प्रवेश किया।
डॉक्टर बनने का था सपना
सीएम केजरीवाल डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन बन गए इंजीनियर। बताया गया कि उनकी हमेशा से ख्वाहिश थी कि वे पढ़ाई करके डॉक्टर बनें और लोगों की सेवा करें। उन्होंने आईआईटी और आईआरएस की परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की। 1995 में, अरविंद ने 1993 बैच की आईआरएस अधिकारी सुनीता से विवाह किया। उनके एक बेटा और एक बेटी भी हैं।
क्षेत्रीय पार्टी से बनी राष्ट्रीय पार्टी
लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनने का शानदार रिकॉर्ड बनाने वाले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जब आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना की थी, तब किसी ने भी सोचा नहीं था कि वह राजनीति में ऐसा इतिहास रचेंगे। आज स्थिति यह है कि एक दशक पुरानी आम आदमी पार्टी अब दो राज्यों में सरकार चला रही है और एक क्षेत्रीय पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी में तब्दील हो चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार शपथ ली है, जिससे उन्होंने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के रिकॉर्ड को बराबर कर लिया है।
अन्ना आंदोलन से राजनीति में प्रवेश
सेवानिवृत्त जज और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल, हेगड़े के नेतृत्व में अन्ना हजारे द्वारा चलाए गए 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन में अरविंद केजरीवाल और कई अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। इस आंदोलन का मुख्य ध्यान उस समय देश में फैल रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर था। हेगड़े और अन्ना हजारे ने यह स्पष्ट किया था कि उनका सिद्धांत राजनीति से दूरी बनाना है। लेकिन इस समूह में एक धारा ऐसी भी थी, जो राजनीति में प्रवेश करने की वकालत कर रही थी, जिसमें अरविंद केजरीवाल मुख्य थे। इसी के फलस्वरूप आम आदमी पार्टी का गठन हुआ।