केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा कि सरकार ओटीटी (Over-the-top) प्लेटफॉर्मों पर प्रदर्शित सामग्री को विनियमित करने के लिए नई नीति का मसौदा तैयार कर रही हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा में हंगामे के बीच, बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट के मुद्दे को उठाया। इस पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब देते हुए कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील सामग्री को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों को मौजूदा कानूनों को और मजबूत करने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत बड़ा अंतर है जहां पर ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट आसानी से उपलब्ध होता है। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से देख रही है और ओटीटी प्लेटफार्मों पर नियंत्रित और उपयुक्त सामग्री सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी बड़ी जानकारी
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वह चाहेंगे कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए और इसके लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सोशल मीडिया पर भी अश्लील सामग्री फैल रही है और इसे रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
मंत्री ने यह भी कहा कि पहले, जब कुछ भी प्रकाशित किया जाता था, तो संपादकीय टीम होती थी, जो यह सुनिश्चित करती थी कि कोई अश्लील सामग्री प्रकाशित न हो, लेकिन अब ऐसा नहीं है। इसके बाद उन्होंने आम सहमति का अनुरोध करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान केंद्रित है। यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के लगभग एक महीने बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही हैं।
लोकसभा में पिछले साल भी उठाया गया था यह मामला
पिछले साल अगस्त में, भारत सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह बताया था कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और बिचौलियों को नियंत्रित करने के लिए अपनी नीति में आवश्यक नियम और विनियम शामिल कर रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा और अपवित्रता से मुक्त सामग्री हो।
अदालत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर सामग्री को विनियमित करने के लिए भारत को उचित कानूनों, दिशानिर्देशों और नियमों की आवश्यकता हैं।