बहराइच में रविवार को हुई हिंसा के बाद से क्षेत्र में तनाव का वातावरण बना हुआ है। इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं। सोमवार को जब मृतक राम गोपाल मिश्र का शव गांव पहुंचा, तो वहां का माहौल कोहराम में बदल गया। ग्रामीणों ने अपराधियों को फांसी देने और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की है। आइए जानते हैं अब तक क्या-क्या घटनाएं घटित हुई हैं।
Bahraich Violence: रविवार को एक युवक की मृत्यु के बाद बहराइच में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। सोमवार को जब युवक राम गोपाल मिश्र का शव गांव पहुंचा, तो वहां कोहराम मच गया। लोग आक्रोशित हो गए और आसपास के हजारों लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। परिवार के सदस्यों के साथ हजारों लोग शव को लेकर तहसील परिसर की ओर बढ़ गए। ग्रामीण अपराधियों को फांसी देने और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे हैं।
बहराइच हिंसा: कब क्या हुआ?
1. रविवार (घटना की शुरुआत)
- बहराइच के महाराजगंज कस्बे में रविवार को मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान, मुस्लिम युवकों द्वारा मूर्तियों पर पथराव किया गया।
- श्रद्धालुओं ने इसका विरोध किया, जिसके बाद फायरिंग शुरू हो गई। इस फायरिंग में 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र नामक श्रद्धालु की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि 15 से अधिक लोग घायल हो गए।
- रामगोपाल मिश्र की मौत के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया और भीड़ उग्र हो गई।
- इसके बाद हिंसक भीड़ ने आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव शुरू कर दिया। आधा दर्जन से अधिक दुकानों में आग लगा दी गई।
2. सीएम योगी का निर्देश - घटना की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को माहौल बिगाड़ने वाले उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
3. प्रदर्शन और सड़क जाम
- मृतक रामगोपाल मिश्र के शव को लेकर ग्रामीणों ने मेडिकल कॉलेज के सामने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
- अस्पताल चौराहे पर जुलूस रोककर श्रद्धालु प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे और विसर्जन की प्रतिमाओं को रोक दिया।
- बहराइच-सीतापुर हाईवे को भी जाम कर दिया गया, जिससे हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई गाड़ियों में आग भी लगा दी गई।
- पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रात 12 बजे लाठीचार्ज किया।
4. डीआईजी का दौरा- घटना की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी एपी सिंह ने बहराइच पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
5. शव गांव पहुंचने पर तनाव
- सोमवार की भोर में रामगोपाल का शव गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया।
- गांव में तहसीलदार को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया, और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
- ग्रामीणों ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की मांग की।
- स्थिति को शांत करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
- अंततः विधायक के समझाने के बाद सुबह प्रतिमा विसर्जन किया गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
बहराइच के महसी तहसील के हरदी क्षेत्र स्थित महाराजगंज कस्बे में अब्दुल हमीद के घर के सामने विसर्जन यात्रा निकाली जा रही थी। इस दौरान एक विशेष समुदाय ने पथराव शुरू कर दिया। जब लोगों ने इसका विरोध किया, तो फायरिंग की गई, जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र को गोली लग गई। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां उनकी मृत्यु हो गई।
इस घटना में राजन, सुधाकर, दिव्यांग सत्यवान और अखिलेश वाजपेयी समेत 15 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के विरोध में आगजनी और तोड़फोड़ का सिलसिला शुरू हो गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा। मेडिकल कॉलेज के सामने ही सड़क पर रामगोपाल का शव रखकर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। अस्पताल चौराहे पर भी श्रद्धालुओं ने विसर्जन यात्रा रोककर कड़ी कार्रवाई की मांग की।