Bareilly Road Accident: गूगल मैप पर भरोसा करना पड़ा महंगा, बरेली में 10 दिन के अंदर हुआ दूसरा बड़ा हादसा

Bareilly Road Accident: गूगल मैप पर भरोसा करना पड़ा महंगा, बरेली में 10 दिन के अंदर हुआ दूसरा बड़ा हादसा
Last Updated: 12 घंटा पहले

बरेली में हाल ही में गूगल मैप के कारण दो दुर्घटनाएं हुई हैं, जो इस बात का संकेत हैं कि हम किसी भी दिशा में जाने से पहले पूरी जानकारी और सावधानी बरतें। इन हादसों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गूगल मैप्स जैसे एप्स पर पूरी तरह से आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश: बरेली में गूगल मैप के कारण दो हफ्तों में दो हादसे होने से यह बात साफ हो गई है कि गूगल मैप्स पर आंख बंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता। हाल ही में, आईआईटी दिल्ली के तीन छात्रों की कार सड़क कटी होने के कारण सूखी नहर में गिर गई, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं। इससे पहले 24 नवंबर को, बदायूं और फरीदपुर बरेली को जोड़ने वाले अधूरे पुल से गिरकर तीन युवकों की मौत हो गई थी।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएस बेदी ने बताया कि शहर के विकास के साथ मार्गों में बदलाव नहीं होता, बल्कि उनका आकार बदलता है। लंबे समय से गूगल मैप्स का इस्तेमाल करने से लोगों में इसमें विश्वास बढ़ गया है, और वे बिना पूरी जानकारी के मार्ग का अनुसरण करने लगते हैं। इसलिए, जब भी आप मुख्य मार्गों से हटकर यात्रा करें, तो गूगल मैप पर नजर रखने से पहले स्थानीय जानकारी प्राप्त करना जरूरी हैं। 

हादसे के बाद जागा प्रशासन 

फरीदपुर ब्रांच कैनाल की सड़क पर हाल ही में हुए हादसे के बाद जिम्मेदारों ने तत्परता दिखाई और सड़क की मरम्मत की प्रक्रिया शुरू की। यह सड़क पहले से टूटी हुई थी, लेकिन लंबे समय तक इसे ठीक नहीं किया गया था। मंगलवार सुबह वहां हादसा होने के बाद पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार ने शाम छह बजे मौके पर पहुंचकर जेसीबी मंगवाकर सड़क पर मिट्टी डलवाकर स्थिति को सुधारने का प्रयास किया।

सत्येंद्र कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सड़क को गड्ढामुक्त कराने के लिए एस्टीमेट तैयार किया है और इसे कार्ययोजना में शामिल किया गया है। जैसे ही मंजूरी मिलती है, सड़क का नवीनीकरण कराया जाएगा। इस बीच, गड्ढे भरवाने का काम भी शुरू कर दिया गया है, ताकि भविष्य में कोई और हादसा न हो। ग्रामीणों के मुताबिक, सड़क काफी समय से टूटी हुई थी, लेकिन मरम्मत का कोई प्रयास नहीं किया गया था।

गूगल मेप पर अपडेट होता है डाटा

प्रो. एसएस बेदी के अनुसार, अनजान रास्तों पर यात्रा करते समय गूगल मैप्स का उपयोग करते समय स्थानीय लोगों से मार्ग की जानकारी लेना बेहद जरूरी है। इससे भ्रम की स्थिति को रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि सेटेलाइट व्यू में मार्गों को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं देखा जा सकता, जबकि स्ट्रीट व्यू से अधिक सटीक जानकारी मिलती है। हालांकि, स्ट्रीट व्यू में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लोड होने में ज्यादा समय लगता है और यह स्थान पर निर्भर करता है। इसलिए, सफर शुरू करने से पहले ही स्ट्रीट व्यू को खोलकर रखें, ताकि रास्ते की सही स्थिति का पता चल सके और आप सुरक्षित यात्रा कर सकें।

गूगल मैप्स तैयार करने के लिए सेटेलाइट इमेजिंग का उपयोग किया जाता है, जिससे सड़कों, भवनों, पेड़-पौधे और अन्य भौगोलिक विशेषताओं को चिह्नित किया जा सकता है। इसके अलावा, गूगल मैप्स की सटीकता बढ़ाने के लिए मशीन लर्निंग, जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम), और जीआईएस (जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम) जैसी तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाता है। स्ट्रीट लाइव व्यू जैसी सुविधाओं के लिए विशेष रूप से मशीन लर्निंग का सहारा लिया जाता है, जिससे सटीक और अप-टू-डेट जानकारी मिलती हैं। 

गूगल मैप का उपयोग करने से पहले बरते ये सावधानी 

* गूगल मैप एप को अपडेट करते रहें: नियमित रूप से गूगल मैप्स को अपडेट करें, ताकि नई जानकारी और सुधारित मार्गों का सही उपयोग किया जा सके।

* स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल करें: स्ट्रीट व्यू से आपको वास्तविक सड़क और रास्तों की बेहतर तस्वीर मिलती है, जो यात्रा को और अधिक सटीक बनाती है।

* स्थानीय लोगों से रास्ता पूछकर ऑनलाइन जानकारी को पुष्ट करें: अनजान रास्तों पर जाने से पहले, स्थानीय लोगों से जानकारी लेकर सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन नक्शे पर दिखाए गए रास्ते सही हैं या नहीं।

* घर से निकलने से पूर्व स्ट्रीट व्यू ऑन करें: चूंकि स्ट्रीट व्यू में अच्छी गुणवत्ता की तस्वीरें लोड होने में समय लगता है, इसलिए यात्रा शुरू करने से पहले इसे खोलकर रखें, ताकि रास्ता अधिक स्पष्ट हो।

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