चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को अपने पद से रिटायर हो गए हैं। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना आज से इस कुर्सी को संभालेंगे। दिल्ली में जन्मे और पले-बढ़े जस्टिस खन्ना ने अपनी शिक्षा यहीं से पूरी की है। इसके साथ ही उन्होंने तीसहजारी में वकालत की शुरुआत की थी। साल 2005 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया गया था।
जस्टिस संजीव खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। वे 11 नवंबर को सीजेआई धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। जस्टिस खन्ना का मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल केवल छह महीने का होगा। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वे 13 मई, 2025 को रिटायर होंगे। इस प्रकार, उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। चलिए देखते हैं सीजेआई के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
दिल्ली में हुआ है जन्म
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ। उनके पिता, न्यायमूर्ति देव राज खन्ना, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी मां, सरोज खन्ना, ने लिडियंस स्कूल, दिल्ली विश्वविद्यालय में लेक्चरर के तौर पर कार्य किया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा यहीं से प्राप्त की। वर्ष 1980 में, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और इसके बाद लॉ की पढ़ाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।
ऐसे हुई शुरुआत
वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने 1983 में दिल्ली के बार काउंसिल में एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया। शुरुआत में, उन्होंने दिल्ली के तीसहजारी कोर्ट परिसर में अपना अभ्यास शुरू किया। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में विभिन्न क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में अपने कौशल को निखारा।
साल 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में हुए थे नियुक्त
साल 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति हुई थी। इसके पश्चात, साल 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया।
साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट में मिली नियुक्ति
2006 से 2019 तक हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहने के बाद, 18 जनवरी, 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया।
नियुक्ति में विवाद का सामना
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति ने काफी विवाद उत्पन्न किया था। असल में, उनकी उम्र और अनुभव के संदर्भ में अन्य सीनियर जज उस समय लाइन में थे, फिर भी उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया। इस निर्णय ने न्यायपालिका में कई सवाल उठाए।
चाचा भी रह चुके हैं जज
न्यायधीश संजीव खन्ना के पिता के अलावा, उनके चाचा हंसराज खन्ना भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं, जैसा कि मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है। उनके चाचा ने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए थे। इसके अतिरिक्त, उनके पिता दिल्ली हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं। अगर सीजेआई संजीव खन्ना की बात करें, तो उनके कार्यकाल के दौरान अब तक कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा चुके हैं।