Delhi Chunav Result: दिल्ली चुनाव में NOTA का असर! 446 प्रत्याशियों से ज्यादा मिले वोट, संगम विहार-त्रिलोकपुरी में बदला गणित, जानें AIMIM-बसपा का हाल

Delhi Chunav Result: दिल्ली चुनाव में NOTA का असर! 446 प्रत्याशियों से ज्यादा मिले वोट, संगम विहार-त्रिलोकपुरी में बदला गणित, जानें AIMIM-बसपा का हाल
अंतिम अपडेट: 09-02-2025

शनिवार को आए दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की, 48 सीटें जीतीं। AAP को 22 सीटें मिलीं, जबकि 446 उम्मीदवारों पर NOTA भारी पड़ा।

Delhi Chunav Result: राजधानी दिल्ली के मतदाता नोटा (NOTA) का बटन दबाने में पीछे नहीं रहे। 70 विधानसभा सीटों पर 699 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन इनमें से 446 ऐसे उम्मीदवार थे, जिन्हें मतदाताओं ने नोटा से भी कम वोट दिए।

नोटा से हार-जीत का बदला समीकरण

दिल्ली की दो सीटें ऐसी थीं, जिनमें जीत और हार के अंतर से अधिक वोट नोटा को मिले। अगर यह वोट किसी उम्मीदवार को मिल जाते, तो चुनावी परिणाम अलग हो सकते थे।

कैसा रहा AIMIM और बसपा का प्रदर्शन?

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में नोटा को कुल 51,917 वोट मिले। भाजपा, आप और कांग्रेस ही ऐसी पार्टियां रहीं, जिन्हें लोगों ने नोटा से अधिक वोट दिए। AIMIM ने भी दो सीटों पर चुनाव लड़ा और नोटा से ज्यादा वोट पाने में सफल रही। वहीं, बसपा ने करीब 10 सीटों पर नोटा से अधिक वोट हासिल किए।

किन सीटों पर नोटा से हारे प्रत्याशी?

संगम विहार: भाजपा प्रत्याशी 344 वोटों से चुनाव जीत सके, जबकि आप दूसरे स्थान पर रही। यहां नोटा को 537 वोट मिले। अगर ये वोट उम्मीदवारों को मिलते, तो नतीजा बदल सकता था।

त्रिलोकपुरी: भाजपा ने 392 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, जबकि नोटा को 683 वोट मिले। यहां भी परिणाम प्रभावित हो सकता था।

बुराड़ी: भाजपा के समर्थन से जदयू यहां चुनाव लड़ रही थी। बुराड़ी में नोटा को सबसे ज्यादा 2,548 वोट मिले।

39 सीटों पर NOTA का वर्चस्व

दिल्ली की 70 सीटों में से 39 सीटों पर भाजपा, आप और कांग्रेस को छोड़कर कोई अन्य पार्टी या निर्दलीय प्रत्याशी नोटा से अधिक वोट हासिल नहीं कर सका।

नई दिल्ली और नजफगढ़ में नोटा का असर

नई दिल्ली सीट: यहां 23 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन 20 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट मिले।

नजफगढ़: नौ प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से छह को नोटा से भी कम वोट मिले।

एग्जिट पोल सटीक साबित हुए

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुए एग्जिट पोल इस बार सटीक साबित हुए। 15 एजेंसियों ने चुनावी भविष्यवाणी की थी, जिनमें से 11 ने भाजपा की सरकार बनने का अनुमान लगाया था और यह सही साबित हुआ। टुडे चाणक्य, एक्सिस-माय इंडिया, सीएनएक्स और पोल डायरी जैसी एजेंसियों के आंकड़े सटीक निकले।

केजरीवाल को सीएम के रूप में पहली पसंद, फिर भी हार गए चुनावएग्जिट पोल में अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बताया गया था। करीब 33% लोगों ने उन्हें सीएम के रूप में देखना चाहा था, लेकिन वे अपनी ही सीट से चुनाव हार गए।

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