Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर ज्वेलरी डिजाइनिंग में रखा कदम , पढ़िए डॉ. खुशबू सिंह के सक्सेस की कहानी

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ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित भारत टेक्स-2025 एक्सपो में डॉ. खुशबू सिंह की हैंडीक्राफ्ट ज्वेलरी ने सबका ध्यान आकर्षित किया। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर उन्होंने ज्वेलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में कदम रखा और आज वह 9 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनी की मालिक हैं। खुशबू ने 2017 में अपनी खुद की फैक्ट्री स्थापित की थी। धीरे-धीरे उनकी हैंडीक्राफ्ट ज्वेलरी को पहचान मिलने लगी और उनका बिजनेस बढ़ता गया।

2017 में रखी खुद की फैक्ट्री की नींव

वर्ष 2007 में खुशबू सिंह ने 4,500 रुपये मासिक वेतन पर एक हैंडीक्राफ्ट कंपनी में नौकरी शुरू की। मात्र 15 दिन बाद ही उन्हें एक सॉफ्टवेयर कंपनी से 10,000 रुपये महीने के वेतन पर नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने हैंडीक्राफ्ट कंपनी में ही काम जारी रखने का फैसला किया। अपने अनुभव और जुनून के दम पर उन्होंने 2017 में अपनी खुद की फैक्ट्री शुरू की।

खुशबू सिंह ने ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देकर ज्वेलरी का निर्माण कराया। उनके ब्रांड "आर्या फैशंस" की ज्वेलरी ने देश और विदेश के बाजारों में पहचान बना ली। उनकी अनोखी और आकर्षक डिजाइन की गई ज्वेलरी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और बड़े एक्सपो में शानदार प्रतिक्रिया मिली।

9 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर

आज खुशबू सिंह की कंपनी का सालाना टर्नओवर 9 करोड़ रुपये से ज्यादा है। उनकी ज्वेलरी की मांग अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों में भी बढ़ रही है। उन्होंने अपने ब्रांड को ग्लोबल पहचान दिलाई और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई। खुशबू सिंह की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो अपनी नौकरी छोड़कर कुछ नया और बड़ा करने का सपना देखते हैं। उनकी मेहनत, संघर्ष और नई सोच ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।

किराये के दो कमरों से शुरू हुआ कारोबार

खुशबू सिंह ने 2007-08 में नोएडा के सेक्टर-62 में किराये के दो कमरों और छह कर्मचारियों के साथ अपना कारोबार शुरू किया। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई, और सिर्फ सात महीनों में उन्होंने एक तीन मंजिला इमारत किराये पर लेकर अपने काम को बड़े स्तर पर बढ़ाया। 2017 में, उन्होंने ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक-III उद्योग केंद्र-2 में अपनी खुद की फैक्ट्री स्थापित की।

आज उनकी फैक्ट्री में 70 महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, और वे दिल्ली-एनसीआर के कई गांवों की महिलाओं को भी हैंडीक्राफ्ट ज्वेलरी बनाकर आत्मनिर्भर बनने का अवसर दे रही हैं। वर्तमान में उनका सालाना टर्नओवर 9 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका हैं।

योगी सरकार ने किया सम्मानित

हैंडीक्राफ्ट उद्योग में अपनी सफलता और विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने खुशबू सिंह को सम्मानित किया हैं।

20 देशों में कर रहीं निर्यात

खुशबू सिंह की बनाई गई हैंडीक्राफ्ट ज्वेलरी आज 20 से अधिक देशों में निर्यात की जा रही है। उनके उत्पादों को सबसे ज्यादा यूरोप में पसंद किया जाता है, साथ ही ऑस्ट्रेलिया, इज़रायल और कई अन्य देशों में भी इनके प्रोडक्ट्स की बड़ी मांग हैं।

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