सफलता की राह असफलताओं से होकर गुजरती है। इसी बात को सच साबित करती है सारा ब्लेकली की कहानी, जो फ्लोरिडा की गलियों में फैक्स मशीन बेचने वाली एक साधारण सेल्सगर्ल थीं और आज "स्पैंक्स" ब्रांड की फाउंडर हैं। सारा का सफर न सिर्फ प्रेरणा देता है बल्कि यह भी दिखाता है कि हिम्मत और मेहनत से सबकुछ संभव है।
असफलता को बनाया सफलता का हथियार
सारा ब्लेकली का जन्म 27 फरवरी 1971 को फ्लोरिडा के क्लियरवॉटर में हुआ। उनके पिता वकील और मां कलाकार थीं। बचपन से ही सारा में कुछ अलग करने का जुनून था। हैलोवीन के दौरान उन्होंने भूतिया घर बनाकर टिकट बेचे और पहली कमाई की। लेकिन असली सबक उन्होंने अपने पिता से सीखा, जो हर डिनर टेबल पर सारा और उनके भाई से पूछते कि उन्होंने उस दिन कौन-सी असफलता झेली। उनके पिता ने असफलता को नकारात्मक नहीं, बल्कि सीखने का जरिया बना दिया।
सारा ने फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया। वकील बनने का सपना देखा, लेकिन लॉ स्कूल के एडमिशन टेस्ट में फेल हो गईं। डिज़्नी वर्ल्ड में ‘गूफी’ का रोल पाने की कोशिश की, मगर उनकी लंबाई आड़े आ गई। आखिरकार उन्होंने एक इमेजिंग और डॉक्यूमेंट कंपनी में नौकरी कर ली, जहां उन्हें घर-घर जाकर फैक्स मशीन बेचनी पड़ती थी।
7 साल की मेहनत और आइडिया का जन्म
सारा ने सात साल तक फ्लोरिडा की तपती गर्मी में घर-घर जाकर फैक्स मशीन बेचीं। इस काम ने उन्हें यह सिखाया कि "ना" सुनने के बाद भी कैसे आगे बढ़ा जाए। इसी दौरान, एक पार्टी में सफेद पैंट पहनते हुए उन्हें अपने पैंटीहोज़ का निचला हिस्सा काटना पड़ा ताकि बेहतर फिटिंग मिल सके। यही वह पल था, जब उन्हें शेपवियर का आइडिया आया।
सारा ने महिलाओं के लिए ऐसा उत्पाद बनाने का सपना देखा, जो न सिर्फ पहनने में आरामदायक हो बल्कि शरीर को बेहतर आकार भी दे।
5,000 डॉलर से शुरू की कंपनी
1998 में, सारा ने अपनी बचत के 5,000 डॉलर लेकर अटलांटा का रुख किया। दिन में नौकरी करतीं और रात में अपने आइडिया पर रिसर्च। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास गईं, लेकिन शुरुआत में उनके आइडिया को हर जगह से नकार दिया गया। मगर सारा ने हार नहीं मानी।
उन्होंने खुद अपने उत्पाद का पेटेंट तैयार किया और बिना किसी फंडिंग के "स्पैंक्स" नामक कंपनी शुरू की। उनकी मेहनत रंग लाई।
"स्पैंक्स" की धमाकेदार सफलता
1999 में "स्पैंक्स" ने अपने पहले ही साल में 4 मिलियन डॉलर की बिक्री की। अमेरिका की प्रसिद्ध टीवी होस्ट ओपरा विनफ्रे ने स्पैंक्स को अपने वार्डरोब में शामिल किया, जिसके बाद कंपनी की डिमांड आसमान छू गई।
2021 में, दुनिया की सबसे बड़ी असेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकस्टोन ने स्पैंक्स की अधिकतम हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1.2 बिलियन डॉलर (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) की पेशकश की। यह डील पूरी होने के बाद सारा ने अपनी टीम को शानदार गिफ्ट दिए, जिनमें हर कर्मचारी को 10,000 डॉलर और फर्स्ट क्लास हवाई टिकट शामिल था।
"असफलता एक सीढ़ी है, मंज़िल नहीं"
सारा ब्लेकली ने साबित कर दिया कि असफलताओं से डरने के बजाय उनसे सीखना चाहिए। उनकी सोच ने न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली, बल्कि वह दुनिया की सबसे प्रभावशाली सेल्फ मेड महिलाओं में शामिल हो गईं।
आज "स्पैंक्स" सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि मेहनत और साहस की मिसाल है। सारा की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को सच करना चाहता है।